गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे: पूर्वांचल के औद्योगिक विकास का नया आधार
एक्सप्रेसवे के दोनों तरफ आकार ले रहा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, हजारों करोड़ रुपये के निवेश को आकर्षित करने में मददगार बना एक्सप्रेसवे, लिंक एक्सप्रेसवे के स्टार्टिंग पॉइंट पर खुल चुका है एमएनसी पेप्सिको का बॉटलिंग प्लांट, एक्सप्रेसवे के समीप ही कोका कोला और बिसलेरी को भी यूनिट लगाने को दी जा रही जमीन, प्लास्टिक पार्क का विकास भी इसी कॉरिडोर में, 60 इकाइयों को जमीन आवंटित, सिर्फ रास्ता नहीं बल्कि पूर्वांचल का औद्योगिक भविष्य भी है गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे
91 किमी लंबा एक्सप्रेसवे – औद्योगिक रफ्तार को मिला इंजन
करीब 91 किलोमीटर लंबा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे बनकर तैयार है और इसका उद्घाटन 17 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा किया जाना प्रस्तावित है। यह हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे सिर्फ आवागमन को बेहतर नहीं बनाता, बल्कि पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंडस्ट्रीज़ और निवेश के लिए एक मजबूत आधार तैयार करता है।
एक्सप्रेसवे के साथ-साथ औद्योगिक कॉरिडोर की परिकल्पना भी मूर्त रूप ले चुकी है, जो इसे उत्तर भारत के प्रमुख औद्योगिक हब में बदलने की दिशा में एक बड़ी पहल है।
इंडस्ट्रियल कॉरिडोर – निवेश और रोजगार का नया केंद्र
योगी सरकार की दूरदर्शी नीति के तहत, गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GIDA) ने एक्सप्रेसवे के दोनों ओर इंडस्ट्रियल सेक्टर 27 और 28 को विकसित किया है। इस क्षेत्र में बड़े ब्रांड्स और मल्टीनेशनल कंपनियों की रुचि लगातार बढ़ रही है।
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PepsiCo का बॉटलिंग प्लांट, जिसकी लागत लगभग ₹1100 करोड़ है, पहले से ही संचालन में है और स्थानीय स्तर पर हजारों लोगों को रोजगार मिल रहा है।
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Coca-Cola और Bisleri जैसी दिग्गज कंपनियों ने भी यहां भूमि आवंटन की मांग की है, जिस पर जल्द ही काम शुरू होने की संभावना है।
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प्लास्टिक पार्क जैसी योजनाओं के अंतर्गत 92 यूनिट्स की योजना है, जिसमें से 60 यूनिट्स को पहले ही जमीन अलॉट हो चुकी है और कई यूनिट्स का निर्माण कार्य जारी है।
तेज होती औद्योगिक गतिविधियां
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे की शानदार कनेक्टिविटी और लोकेशन के कारण यह परियोजना निवेशकों की पहली पसंद बनती जा रही है। कई प्रतिष्ठित कंपनियों जैसे:
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APL Apollo Tubes
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SLMG Beverages
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Technoplast
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कपिला एग्रो इंडस्ट्रीज
को यहां भूमि आवंटित की जा चुकी है या प्रक्रिया में है। कई इकाइयों ने अपना निर्माण पूरा कर लिया है, जबकि कुछ की निर्माण प्रक्रिया तेजी से चल रही है।
