Khalistani Aatankwadi Pannu : कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू, क्या है इसका 'मकसद'? 

Gurpatwant Singh Pannu Kon Hai?

Gurpatwant Singh Pannu

Sikh For Justice News

एसएफजे का एजेंडा क्या है?

Gurpatwant Singh Pannu 

खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू एक बार फिर चर्चा में है... आतंकवादी बिरादरी का ये राखी सावंत बीच-बीच में भारत के खिलाफ बयानबाजी करके सुर्खियों में बना रहता है...

कौन है गुरपतवंत सिंह पन्नू? क्या है इसका 'मकसद'? 

अब ताज़ा सूरत-ए-हाल में इसने एक वीडियो जारी करके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को धमकी दी है... उसने कहा है कि वो अपने संगठन 'सिख फॉर जस्टिस' के लोगों से कहेगा कि भाजपा की रैलियों में वो जाएं और वहां जाकर मोदी को शर्मिंदा करें... यही बात उसने राजनाथ सिंह और डॉ. एस जयशंकर के बारे में भी बोली है... गौरतलब है कि ये तीनों ही नेता अपने-अपने भाषण में यही कहते हैं कि जो भी भारत के खिलाफ काम करेगा, उसकी कमर तोड़ने का काम हम करेंगे... बस ये ही वजह है कि गुरपतवंत सिंह पन्नू इनसे चिढ़ा हुआ रहता है...

Gurpatwant Singh Pannu

वैसे आपको बता दें कि ये विपक्ष के सबसे बड़े नेता यानी राहुल गांधी को भी अपना दुश्मन मानता है... जब राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा कर रहे थे तो इसने कहा था कि इस यात्रा को पंजाब लाने की भूल मत करना... लेकिन राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा लेकर पंजाब पहुंचे और इस यात्रा में 2 लाख से भी ज़्यादा लोगों ने हिस्सा लिया था... इससे साफ पता चलता है कि ये कोई सीरियस लेने लायक आतंकवादी नहीं है... लेकिन हां, भारत के खिलाफ बयान बाजी करता है तो इसके बारे में लोगों को पता ज़रूर होना चाहिए...  गुरपतवंत सिंह पन्नू अमृतसर के खानकोट गांव का रहने वाला है... पन्नू पंजाब विश्वविद्यालय से कानून में Graduate है... ग्रेजुएशन करने के बाद ये विदेश चला गया और फिलहाल ये पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के सहयोग से पंजाब में खालिस्तानी अलगाववादी मुहिम को फिर से जिंदा करने की कोशिश में है...

गुरपतवंत सिंह पन्नून कहां रहता है?

ऐसा नहीं है कि पन्नू कोई खानदानी आतंकवादी है... उसके फादर महिंदर सिंह, पंजाब राज्य कृषि विपणन बोर्ड में कर्मचारी थे... लेकिन विदेश में जाते ही वो देश विरोधी लोगों के बहकावे में आ गया और भारत से बगावत पर उतर आया... फिलहाल वो अब अमेरिका और कनाडा में रह रहा है और वहीं से अपनी आतंकवादी गतिविधियां संचालित करने की जद्दोजहद में जुटा रहता है...  गुरपतवंत सिंह पन्नू, अमेरिका स्थित अलगाववादी संगठन सिख फॉर जस्टिस के संस्थापकों में से एक है... ये संगठन 2007 में स्थापित किया गया था... भारत सरकार ने सिख फॉर जस्टिस के अलगाववादी गतिविधियों में लिप्त होने के चलते उसे 2019 में बैन कर दिया था... और अब ये संगठन पंजाब को भारतीय कब्जे से मुक्त कराने का अभियान चला रहा है...

Gurpatwant Singh Pannu

ऐसा नहीं है कि पन्नू सिर्फ बीजेपी नेताओं का दुश्मन है... वो कई भारतीय नेताओं के खिलाफ अभियान चला रहा है... उसके संगठन सिख फॉर जस्टिस ने कांग्रेस नेता कमलनाथ सहित कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के खिलाफ मुकदमा चलाने की मांग को लेकर अमेरिका की अदालतों का दरवाजा खटखटाया था... सितंबर 2013 में, मनमोहन सिंह की अमेरिका यात्रा के दौरान, वाशिंगटन की एक संघीय अदालत ने सिख फॉर जस्टिस की एक याचिका पर कार्रवाई करते हुए मनमोहन सिंह को समन भी जारी कर दिया था... उस समन में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर भारत में सिख समुदाय पर मानवता के खिलाफ अपराधों को वित्तपोषित करने यानी financed करने का आरोप लगाया गया था... 

एसएफजे का एजेंडा क्या है?

भारत में सिख फॉर जस्टिस और पन्नू के खिलाफ लगभग एक दर्जन मामले दर्ज हैं, जिनमें पंजाब में देशद्रोह के तीन मामलें भी शामिल हैं... पन्नू पर बगावत फैलाने सहित साम्प्रदायिक दंगे भड़काने की मंशा से उकसाने, राजद्रोह और पूजा स्थल पर अपराध करने जैसे संगीन आरोप हैं... गुरपतवंत सिंह पन्नू पैसों का लालच देकर पंजाब के युवाओं को भटकाने की कोशिश करता रहता है... 2020 में उसने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर पंजाब के छात्रों से स्कूलों, कॉलेजों और यूनिवर्सिटियों में खालिस्तानी झंडा फहराने की अपील की थी... बदले में उसने छात्रों को आईफोन-12 स्मार्टफोन देने का लालच दिया था...

Gurpatwant Singh Pannu

इतना देशद्रोही होने के बावजूद भी अगर पन्नू खुलेआम घूम रहा है और अपनी हरकतों से बाज़ नहीं आ रहा है तो इसके पीछे है उसे अमेरिका से मिलने वाला साथ... जी हां, पन्नू को अमेरिका ने पता नहीं क्या सोचकर पनाह दी हुई है... लेकिन खैर, भारत और अमेरिका के रिश्ते अच्छे हैं... जब पन्नू कभी भी अपना दायरा पार करने की कोशिश करेगा, तो उसको उसकी हैसियत याद दिलाना भारत को अच्छी तरह से आता है...

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