सनातन धर्म आश्रम में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया गुरु पूर्णिमा महोत्सव
Guru Purnima festival was celebrated with reverence and devotion in Sanatan Dharma Ashram
Thu, 10 Jul 2025
( लखनऊ, जुलाई 2025 – प्रत्यूष पांडे ) "गुरु ही वह प्रकाश हैं जो अज्ञान के अंधकार से ज्ञान की ओर ले जाते हैं।" इसी दिव्य भावना के साथ सनातन धर्म परिषद के तत्वावधान में सनातन धर्म आश्रम, सनातन नगर में गुरु पूर्णिमा महोत्सव का आयोजन भक्ति, श्रद्धा और उल्लास के साथ संपन्न हुआ।
इस पावन अवसर पर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से श्रद्धालु आश्रम पहुँचे और विधिवत गुरु पूजन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। आयोजन में शामिल हुए सैकड़ों भक्तों ने विशाल भंडारे में प्रसाद ग्रहण कर अपनी श्रद्धा प्रकट की, साथ ही अपनी सामर्थ्यानुसार दान करके गुरु के प्रति समर्पण भाव भी व्यक्त किया।
भक्ति, कीर्तन और ज्ञान का संगम
गुरु पूर्णिमा उत्सव के अंतर्गत भजन-कीर्तन, सत्संग और भंडारे का भव्य आयोजन किया गया। डॉ. स्वामी भगवदाचार्य जी महाराज ने अपने सारगर्भित प्रवचनों में गुरु की महिमा को विस्तार से समझाया। उन्होंने कहा: "गुरु वही है जो अंधकार से निकालकर प्रकाश की ओर ले जाए। वेदों में उल्लेखित मंत्र 'तमसो मा ज्योतिर्गमय' इसी सत्य को दर्शाता है। भगवान ने भी कहा है – 'आचार्य या गुरु को मेरा ही स्वरूप मानो। उनमें और मुझमें कोई भेद नहीं।'"
समाज के विभिन्न वर्गों की सहभागिता
गुरु पूर्णिमा के इस विशेष पर्व में अनेक जनप्रतिनिधियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और श्रद्धालुओं की गरिमामयी उपस्थिति रही। प्रमुख उपस्थितजन में शामिल रहे:
श्याम मनोहर तिवारी – जिला पंचायत अध्यक्ष, बलरामपुर
रिंकू मिश्रा, राहुल वर्मा, शुभम सिंह, सौरभ सोनी, अभय प्रकाश बाजपेई
पं. हरिओम, रामकिशोर मिश्र, सुनील शास्त्री, रामकुमार शुक्ला, रोहित मिश्रा
मुकेश, मनोज कुमार, विजय कुमार बाजपेई, अशोक दुबे, आदर्श बाजपेई
शैलजा मिश्रा, किरण पाण्डेय, सरोज बाजपेई, अंशिका बाजपेई, साधना मिश्रा
शशि मिश्र, रेखा साहू, ममता सिंह सहित अन्य अनेक श्रद्धालु गण।
गुरु पूर्णिमा – आत्मा के जागरण का पर्व
सनातन धर्म आश्रम में आयोजित यह महोत्सव न केवल धार्मिक उत्सव था, बल्कि आध्यात्मिक चेतना, आत्मविश्लेषण और गुरु के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का भी एक अवसर बना। कार्यक्रम में बच्चों, युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों ने मिलकर पारंपरिक भक्ति भाव से गुरु के चरणों में श्रद्धा समर्पित की।
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एक संकल्प – जीवन को प्रकाश की ओर ले जाने का
गुरु पूर्णिमा महोत्सव हर वर्ष सनातन धर्म आश्रम में श्रद्धा के साथ मनाया जाता है, लेकिन इस वर्ष की सहभागिता और आयोजन की भव्यता ने इसे और भी विशेष बना दिया। यह पर्व यह स्मरण कराता है कि गुरु के बिना जीवन दिशा हीन है, और सच्चा मार्गदर्शन ही सच्ची भक्ति का मूल है।
