एचडीएफसी बैंक की प्रधान अर्थशास्त्री साक्षी गुप्ता की टिप्पणी

हमारा अनुमान है कि वर्ष के मध्य तक मुद्रास्फीति 4 प्रतिशत से नीचे रहेगी। इससे संकेत मिलता है कि यदि आने वाली तिमाहियों में वृद्धि की गति धीमी पड़ती है, तो नीति दरों में एक और कटौती की गुंजाइश बनी रहेगी। इसके विपरीत, यदि हालिया आर्थिक गति बरकरार रहती है और कोई अनुकूल व्यापार समझौता घोषित होता है, तो यह कटौती मौजूदा चक्र की अंतिम हो सकती है।
हमें वित्त वर्ष 2026 में जीडीपी वृद्धि 7.3 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2027 में 6.5 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। मुद्रास्फीति वित्त वर्ष 2026 में 2 प्रतिशत और 2027 में लगभग 4 प्रतिशत रहने का अनुमान है। ओएमओ खरीद और खरीद/बिक्री स्वैप के माध्यम से टिकाऊ तरलता का प्रवाह इस दर कटौती के प्रभाव को और मजबूत करेगा। इससे हालिया विदेशी मुद्रा हस्तक्षेप से बने दबाव को कम करने में मदद मिलेगी और बांड बाजार में बढ़ते प्रतिफल पर भी नियंत्रण रखा जा सकेगा।”
