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विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा को निखारने और विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और कुलगीत से हुई, जिसने वातावरण को एक दिव्य आभा से भर दिया। इसके बाद, वैदिक मंगलाचरण और लौकिक मंगलाचरण ने कार्यक्रम में एक धार्मिक और सांस्कृतिक रंग भर दिया। छात्राओं द्वारा प्रस्तुत स्वागत गीत और विभिन्न नृत्य प्रस्तुतियों ने कार्यक्रम को और भी रंगीन बना दिया।
कार्यक्रम के अध्यक्ष, प्रो. सर्वनारायण झा ने विद्यार्थियों के प्रति अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन छात्रों के व्यक्तिगत और सांस्कृतिक विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा को निखारने और विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम में कई प्रकार की सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी गईं, जिनमें शास्त्रीय संस्कृत नृत्य, लोकनृत्य, एकल नृत्य, नाटक, समूह गायन और संस्कृत कजरी जैसे कई रोचक कार्यक्रम शामिल थे। शास्त्रीय नृत्य में प्रतीक्षा सरकार, हिमांगी और प्रीती राय ने अपनी कला का शानदार प्रदर्शन किया। वहीं, संस्कृत कजरी और बंगाली नृत्य जैसे कार्यक्रमों ने भी दर्शकों का दिल जीता।
कार्यक्रम में छात्र, शिक्षक और कर्मचारी की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही, जिससे यह आयोजन सफल और यादगार बन गया। कार्यक्रम का संचालन सुश्री विभा मिश्रा और कुमार सुमन ने किया, जबकि डॉ. रुद्रनारायण नरसिंह मिश्र ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस शानदार सांस्कृतिक आयोजन ने विश्वविद्यालय परिसर में एक नई ऊर्जा का संचार किया और विद्यार्थियों को अपनी कला और संस्कृति से जुड़ने का एक शानदार अवसर प्रदान किया।