स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी नोडल अधिकारी बनकर करते हैं ठगी
 

Health department employees commit fraud by posing as nodal officers
Health department employees commit fraud by posing as nodal officers
उत्तर प्रदेश डेस्क लखनऊ (आर एल पांडेय)। हरदोई में स्वास्थ्य विभाग में इस समय एक से एक बढ़कर नए-नए कारनामे सामने आ रहे हैं सेहत विभाग का एक नया कारनामा टडियावा  क्षेत्र से सामने आया है यहां शाहाबाद सीएससी में तैनात दो स्वास्थ्य कर्मचारियों ने धन उगाही की नीयत से सीएससी प्रभारी की निजी कार से टडियावा पहुंचे और अपने को स्वास्थ्य विभाग का नोडल अधिकारी बताते हुए एक प्राइवेट लैब से मशीन उठा ली लेकिन जब मामला पूछ-ताछ  मे संदिग्ध प्रतीत हुआ तो दोनों कर्मचारी भाग खड़े हुए यही नहीं आसपास के एकत्रित लोगों ने इन दोनों को दौड़ा भी लिया

तथा मोबाइल से फोटो भी खींच ली जानकारी के अनुसार शाहाबाद सीएससी पर तैनात लैब टेक्नीशियन कुलदीप तथा बेसिक हेल्थ वर्कर शाश्वत त्रिवेदी हुंडई की कार नंबर यूपी 32 क्यू 8860 से टड़ियावां के एसबी पैथ लैब पहुंचे तथा बिना पूछताछ किये मशीन उठाकर गाड़ी में रखने लगे जब पूछा गया कि आप कौन हैं तो अपने को स्वास्थ्य विभाग का नोडल अधिकारी बताया

लेकिन मामला संदिग्ध प्रतीत होने पर संचालक समेत अन्य लोगों ने पूछताछ करनी शुरू कर दी इसी बीच भीड़ बढ़ती देख दोनों तथा कथित नोडल अधिकारी भाग खड़े हुए प्रत्यक्ष दर्शियों के अनुसार वहां एकत्रित भीड़ ने इन दोनों को दौड़ाया भी लेकिन कार से यह दोनों भागने में सफल रहे इसके बाद पैथ लैब के संचालक शिवाकांत त्रिपाठी ने मामले से सीएमओ कार्यालय को अवगत कराया तथा मुख्यमंत्री को शिकायत भेज कर कार्यवाही की मांग की है लैव संचालक ने बताया कि यह दोनों कर्मचारी अपने को नोडल अधिकारी बताकर अक्सर ठगी करते रहते हैं

उन्होंने मुख्यमंत्री से रिपोर्ट दर्ज करवाकर कठोर कार्रवाई की मांग की है वही इस संबंध में सीएससी प्रभारी प्रवीण दीक्षित ने बताया कि वह टडियावा को स्वयं गए थे लेकिन जब उनसे पूछा गया क्या वह टडियावा के नोडल अधिकारी हैं तो उन्होंने बताया कि पहले नोडल अधिकारी  थे लेकिन अब नहीं है जब उनसे पूछा गया कि आज आप वहां कैसे पहुंच गए तो उन्होंने बताया कि उन्हें आज ही पता चला कि वह टडियावा के नोडल अधिकारी पद  पर अब नहीं है। उन्होंने पैथ लैब की मशीन उठाने साफ इनकार किया है सीएससी प्रभारी श्री दीक्षित का पक्ष भी संदिग्ध प्रतीत होता है क्योंकि यह संभव नहीं है कि बिना नोडल अधिकारी के पद पर तैनात टडियावा कैसे पहुंच गए ड्यूटी शाहाबाद में टडियावा किस तरह से अपने प्राइवेट वाहन से पहुंचे यह जांच का विषय है।

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