माननीया सांसद जी का कुत्ता: एक अनोखी मॉर्निंग वॉक और संसद सत्र
(पंकज शर्मा "तरुण" - विनायक फीचर्स)
शीत ऋतु की एक सुहावनी सुबह, मैं अपनी पत्नी के साथ मॉर्निंग वॉक के लिए निकला। सर्दी से बचने के लिए हम दोनों ने पर्याप्त गर्म कपड़े पहने हुए थे। हमारे कस्बे से गुजरते फोर लेन हाईवे पर, नागरिकों की सुविधा के लिए दोनों तरफ सर्विस रोड भी बनी हुई थी, जहाँ हम बातें करते हुए टहल रहे थे।
तभी हमारी नज़र एक युवती पर पड़ी, जिसकी उम्र लगभग अठारह-उन्नीस वर्ष रही होगी। वह किसी खाते-पीते घर की लग रही थी, लेकिन इस कड़ाके की ठंड में भी उसने हाफ आस्तीन की टी-शर्ट और बरमूडा पहन रखा था। उसके हाथ में एक विलायती कुत्ते की चेन थी। कुत्ता अपनी नित्य क्रिया के लिए चहलकदमी कर रहा था और बार-बार धरती पर बनी विकसित सड़क को सूंघ रहा था, मानो उसका 'प्रेशर' नहीं बन पा रहा हो।
युवती के पहनावे को देखकर मेरी पत्नी ने टिप्पणी की, "देखो इस लड़की को, इतनी ठंड में भी इसे कोई फर्क नहीं पड़ रहा।" मैंने जवाब दिया, "यह संगत का असर है। कुत्ते ने तो कुछ भी नहीं पहना है, शायद उसी से प्रेरणा लेकर यह छोटे वस्त्रों में उसे घुमाने लाई है।"
हाई सोसाइटी का नया प्रतीक
आजकल घरों और बंगलों में अंग्रेजी कुत्तों को पालने का शौक ज़ोरों पर है। ऐसा लगता है, जैसे कुत्ता उस परिवार की पहचान बन गया है। शायद कुत्ता पालने से व्यक्ति को हाई सोसाइटी में बड़ी इज़्ज़त मिलती होगी – मैं ऐसा सोचता हूँ।

संसद सत्र में अनोखी उपस्थिति
हाल ही में, संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत में, एक माननीय सांसद मैडम ने अपने कुत्ते को भी संसद की सैर कराने की ठानी और वहाँ आ गईं। वे अपनी और अपने कुत्ते की महिमा प्रदर्शित करना चाहती थीं।इस दृश्य को देखकर अन्य सांसदगण अचंभित रह गए। वे शायद सोच रहे थे कि उन्हें लोकसभा की सदस्यता लेने में कितनी कठिनाइयाँ झेलनी पड़ीं—खेत बेचने पड़े, करोड़ों का कर्ज हुआ, दोस्त दुश्मन बन गए—परंतु जनता-जनार्दन का भला हो, जिसने उन्हें चमत्कारिक रूप से चुनाव जितवा दिया। जीत के बाद दोस्त वापस आए, पत्नी मायके से लौटी, और घर में पाले गए कुत्ते को भी तोहफे मिलने लगे (एक करीबी चमचे ने तो कुत्ते को चांदी की चेन भेंट कर डाली)।
मगर चौधरी मैडम ने तो बिना चुनाव जीते ही अपने कुत्ते को संसद का यह सुनहरा अवसर प्रदान करवा दिया!कुत्ते को देखने वाले सांसद मन ही मन जलते हुए सोच रहे थे, "काश, मैं इस कुत्ते की जगह होता, तो इतनी मेहनत से बच जाता और मुफ्त में संसद की सैर कर लेता!" एक युवा सांसद, जो पहली बार जीतकर आया था, कुत्ते की इस किस्मत से जल-भुन रहा था।मैडम ने जिस अंदाज़ में अपनी राजनीतिक महिमा दिखाई, वह वाकई काबिल-ए-तारीफ है! इस अद्भुत और अकल्पनीय घटना को देश के नंबर वन टीवी चैनलों ने तुरंत 'ब्रेकिंग न्यूज़' बना दिया और करोड़ों रुपए के विज्ञापन पाकर ख़ूब आनंद लिया।इतिहास के पन्नों पर इस अभूतपूर्व सनसनीखेज घटना को स्वर्ण अक्षरों में, उस विलायती कुत्ते के फोटो सहित, निश्चित रूप से लिखा जाएगा।
