मानवाधिकार जनसेवा परिषद द्वारा एकत्रित पूजित मूर्तियों का सम्मानजनक विसर्जन 
 

Respectful immersion of the idols collected by Human Rights Public Service Council
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लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)।दीपावली पर हर घर में भगवान श्री गणेश और लक्ष्मी जी की नई मूर्तियों की पूजा की जाती है तथा पूजा के उपरान्त पिछले वर्ष की पूजित मूर्तियों, पूजन सामग्री तथा भगवान के कैलेण्डर, फोटो आदि को पार्कों में या पीपल के पेड़ के नीचे रख देते हैं

जिसके कारण भगवान का अपमान होता है। मानवाधिकार जनसेवा परिषद के अध्यक्ष रूप कुमार शर्मा ने बताया कि मानवाधिकार जनसेवा परिषद विगत कई वर्षों से पुरानी पूजित मूर्तियों, पूजन सामग्रियों तथा भगवान के चित्रों के संग्रह हेतु कई स्थानों पर संग्रह स्थल बना कर एकत्र करके सम्मानजनक ढंग से विसर्जन का कार्य करता है। इस वर्ष भी कई स्थानों पर संग्रह स्थल बना कर मूर्तियों को एकत्र किया गया।


मानवाधिकार जनसेवा परिषद के द्वारा विभिन्न स्थानों पर एकत्र की गई पुरानी पूजित, खण्डित भगवान की हजारों की संख्या में मूर्तियों, पूजन सामग्री व भगवान के कैलेंडर-चित्रों का सम्मानजनक ढंग से कुड़िया घाट पर बने विसर्जन स्थल पर आज अंतिम चरण में विसर्जन किया गया। इस अवसर पर मूर्तियों के विसर्जन में मानवाधिकार जनसेवा परिषद के अध्यक्ष रूप कुमार शर्मा, रेखा शर्मा, आशा सिंह, अनुपमा धवन, रेनू तिवारी, प्रीति गुप्ता, सुनीता, विधि व रीता सहित अन्य लोगों ने सहयोग प्रदान किया।

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