लिंग न्याय के योद्धाओं का सम्मान, SHEF के कार्य का बेहतरीन उदाहरण: ग्रामीण विकास मंत्री

Honoring warriors of gender justice is a great example of SHEF's work: Rural Development Minister
 
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लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)।स्टडी हॉल एजुकेशनल फाउंडेशन (SHEF) ने लखनऊ विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग और महिला अध्ययन संस्थान के सहयोग से वार्षिक अभियान — इंडियाज डॉटर्स कैंपेन 2024–25 — का सम्मान समारोह आयोजित किया। ग्रामीण विकास राज्य मंत्री विजय लक्ष्मी गौतम, जो इस अवसर पर मुख्य अतिथि थीं, ने कहा, “लैंगिक समानता और सामाजिक न्याय के लिए बच्चों को शिक्षित करने में शेफ ने सराहनीय कार्य किया है। सरकारी स्कूलों के शिक्षक और छात्रों के सक्रिय प्रयासों से समाज में परिवर्तन आया हैं। 400 से अधिक बाल विवाहों को रोकना और 1500 से अधिक लिंग आधारित अन्याय के मामलों की रिपोर्टिंग कराना कोई सामान्य उपलब्धि नहीं है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शुरू किया गया आरोहिणी कार्यक्रम बच्चों को सामुदायिक स्तर पर रूढ़िवादि सोच को चुनौती देने हेतु लैंगिक शिक्षा और नारीवादी शिक्षाशास्त्र के माध्यम से सशक्त करता है। यह पहल अब तक सात राज्यों के 1,600 स्कूलों में 2.85 लाख से अधिक बच्चों और 35,000 शिक्षकों तक पहुँच चुकी है, और यह कक्षाएँ लैंगिक समानता और सामाजिक न्याय के प्रति पैरवी करती है।

इंडियाज डॉटर्स कैंपेन 2025 में लिंग न्याय के नायकों का सम्मान


इंडियाज डॉटर्स कैंपेन 2025 के सम्मान समारोह में उन विद्यार्थियों और शिक्षकों की सक्रिय प्रयास और नेतृत्व का जश्न मनाया गया जिन्होंने अपने समुदायों में लिंग न्याय को आगे बढ़ाने के लिए साहसिक कदम उठाए।

इस अवसर पर कई किशोरियों और किशोरों को उनके वास्तविक जीवन में किए गए हस्तक्षेपों के लिए सम्मानित किया गया। पलिया की कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (KGBV) की 13 वर्षीय रवीना ने पुलिस की सहायता से एक बाल विवाह को रोका।

बस्ती के KGBV सदर की 13 वर्षीय रोशनी ने पारिवारिक विरोध के बावजूद स्वयं को पुनः स्कूल में नामांकित किया। 14 वर्षीय शिवानी ने घरेलू हिंसा के खिलाफ खड़ी होकर अपनी मां की रक्षा की। देवेंद्र और ऋतिक राज जैसे लड़कों ने अपनी बहनों और भाइयों की जल्द शादी को रोका और हिंसा के विरुद्ध कार्यवाही की। वहीं अखिलेश ने अपने समुदाय के लड़कों को नियमित रूप से स्कूल जाने के लिए प्रेरित किया। इन छात्रों ने दिखाया कि जागरूक और सशक्त किशोर बड़े परिवर्तन ला सकते हैं।

शिक्षकों को भी बच्चों की सुरक्षा में उनकी अग्रिम भूमिका के लिए सम्मानित किया गया। KGBV सुरतगंज की निशा मिश्रा और UPS बरेटी जलालपुर के राम पाल ने बाल विवाह और शोषण के अनेक मामलों में हस्तक्षेप किया। पिंकू और अमिता जैसे शिक्षक नियमित प्रयासों के माध्यम से हिंसा को रोका और लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा दिया।

समारोह में आरोहिणी नेटवर्क के समर्पित शिक्षकों के योगदान को भी मान्यता दी गई, जिनका कार्य प्रणालीगत परिवर्तन को निरंतर आगे बढ़ा रहा है। ये सभी पुरस्कार प्राप्तकर्ता यह दर्शाते हैं कि नारीवादी शिक्षा एक अधिक न्यायपूर्ण और समान समाज की नींव बन सकती है।

समारोह में लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रो-वाइस चांसलर प्रो. मनुका खन्ना, एकता सिंह (अपर राज्य परियोजना निदेशक, सर्व शिक्षा अभियान), विष्णु कांत पांडेय (अपर निदेशक, यूपी माध्यमिक शिक्षा), विवेक नौटियाल (अपर निदेशक, यूपी माध्यमिक शिक्षा), और मुकेश सिंह (वरिष्ठ विशेष अधिकारी, बालिका शिक्षा, सर्व शिक्षा अभियान) भी उपस्थित रहे।

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