कांग्रेस की OBC रणनीति: वोट बैंक से लेकर सामाजिक न्याय तक

 
 How Congress Plans to Win Over OBCs: Latest Updates & Strategies Unveiled

आज हम एक ऐसे मुद्दे पर बात करेंगे जो indian politics में बेहद अहम है - कांग्रेस पार्टी की OBC समुदाय को अपने साथ जोड़ने की रणनीति। हाल के दिनों में कांग्रेस ने OBC समुदाय को attract करने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं, और आज हम इन सभी अपडेट्स पर  detail से बात करेंगे तो, बने रहिए हमारे साथ, और जानिए कि कांग्रेस OBC समुदाय के लिए क्या कर रही है और ये कितना effective हो सकता है। चलिए शुरू करते हैं!

OBC, यानी अन्य पिछड़ा वर्ग, भारत की जनसंख्या का एक बहुत बड़ा हिस्सा है। विभिन्न अनुमानों के मुताबिक, देश की लगभग 40 से 60 प्रतिशत आबादी OBC समुदाय से आती है। यह समुदाय सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक रूप से ऐतिहासिक रूप से वंचित रहा है, और इसीलिए उनकी मांगें और अधिकार हमेशा से भारतीय राजनीति का केंद्र रहे हैं।

OBC समुदाय का वोट बैंक किसी भी राजनीतिक दल के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। कांग्रेस, जो भारत की सबसे पुरानी और प्रभावशाली पार्टियों में से एक है, अब इस समुदाय को अपने साथ जोड़ने के लिए नई और मजबूत रणनीतियां बना रही है। खासकर, 2023 और 2024 के विधानसभा और लोकसभा चुनावों में मिली हार के बाद, कांग्रेस ने OBC वोटरों को आकर्षित करने पर विशेष ध्यान देना शुरू किया है। लेकिन सवाल ये है कि उनकी ये रणनीतियां कितनी कारगर हैं? आइए, इसे detail  से समझते हैं।

कांग्रेस ने OBC समुदाय को अपने साथ जोड़ने के लिए कई बड़े और ठोस कदम उठाए हैं। इनमें सबसे चर्चित है जातिगत जनगणना का मुद्दा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि जातिगत जनगणना OBC समुदाय के लिए सामाजिक और आर्थिक न्याय सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। उनका कहना है कि जब तक OBC समुदाय की सटीक जनसंख्या और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति के बारे में सही आंकड़े नहीं होंगे, तब तक उनके लिए उचित नीतियां बनाना और लागू करना मुश्किल है।

2023 में शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा और 2024 की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में राहुल गांधी ने OBC समुदाय के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुना और उनके हक की बात को राष्ट्रीय मंच पर उठाया। इन यात्राओं के दौरान उन्होंने OBC समुदाय के लिए शिक्षा, नौकरी और सामाजिक सम्मान की मांग को जोर-शोर से उठाया।

इसके अलावा, कांग्रेस ने अपने 2024 लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में OBC समुदाय के लिए कई बड़े वादे किए। पार्टी ने कहा कि अगर वे सत्ता में आते हैं, तो वे: जातिगत जनगणना करवाएंगे।
50% आरक्षण की सीमा को हटाने के लिए संविधान संशोधन करेंगे। OBC समुदाय के लिए शिक्षा और नौकरियों में अधिक अवसर सुनिश्चित करेंगे। ये वादे OBC समुदाय के बीच काफी चर्चा में रहे, और कई लोगों ने इसे एक positive  कदम माना।

कांग्रेस ने OBC समुदाय के नेताओं को अपनी पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां देकर उनकी भागीदारी को बढ़ाने की कोशिश की है। हाल ही में, 14-15 जुलाई 2025 को बेंगलुरु में कांग्रेस ने अपनी OBC एडवाइजरी काउंसिल की एक बड़ी बैठक आयोजित की। इस बैठक में देशभर से 40 से अधिक OBC नेता शामिल हुए। इसमें कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, और सचिन पायलट जैसे बड़े नेताओं ने हिस्सा लिया।

इस बैठक का उद्देश्य था: OBC समुदाय की राजनीतिक भागीदारी को बढ़ाना। उनकी समस्याओं को राष्ट्रीय स्तर पर उठाने की रणनीति बनाना। OBC नेताओं को पार्टी में बड़े पद देकर उनकी आवाज को और मजबूत करना। हालांकि, कुछ आलोचकों का कहना है कि कांग्रेस ने अपने OBC विभाग में ज्यादातर यादव नेताओं को ही प्राथमिकता दी है, जिसके कारण अन्य OBC समुदायों, जैसे कुर्मी, मौर्य, या अन्य छोटे समूहों में नाराजगी देखी गई है। यह एक ऐसी चुनौती है जिसे कांग्रेस को संबोधित करना होगा।

कांग्रेस ने OBC आरक्षण को लागू करने और इसे और प्रभावी बनाने के लिए कई वादे किए हैं। 

मध्य प्रदेश में 2019 में कांग्रेस सरकार ने OBC आरक्षण को बढ़ाकर 27% करने का legislation passed किया था। हालांकि, केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार आने के बाद इस पर पूरी तरह अमल नहीं हो सका। कर्नाटक में सिद्धारमैया सरकार ने OBC समुदाय के लिए शिक्षा और नौकरियों में विशेष योजनाएं लागू की हैं। राहुल गांधी ने बीजेपी पर यह आरोप लगाया है कि उनके शासन में निजीकरण और नौकरियों में कमी के कारण OBC समुदाय की भागीदारी कम हुई है। कांग्रेस ने वादा किया है कि अगर वे सत्ता में आते हैं, तो वे: OBC समुदाय के लिए शिक्षा और नौकरी में विशेष कोटा लागू करेंगे। स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण योजनाओं में OBC समुदाय को प्राथमिकता देंगे। जातिगत जनगणना के आंकड़ों का उपयोग करके OBC के लिए लक्षित नीतियां बनाएंगे।

हर सिक्के के दो पहलू होते हैं, और कांग्रेस की OBC रणनीति भी इससे अछूती नहीं है। कुछ आलोचनाएं और चुनौतियां हैं जो सामने आई हैं:

वोट बैंक की राजनीति का आरोप: कुछ लोग कहते हैं कि कांग्रेस का OBC पर फोकस सिर्फ वोट बैंक की राजनीति है। 2023 के विधानसभा चुनावों में, जैसे छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में, कांग्रेस की OBC रणनीति ज्यादा प्रभावी नहीं रही, और बीजेपी ने इन राज्यों में जीत हासिल की।

कांग्रेस अब OBC समुदाय को साथ लाने के लिए और बड़े कदम उठाने की योजना बना रही है। 

मेगा OBC रैली: कांग्रेस जल्द ही एक देशव्यापी OBC रैली आयोजित करने की योजना बना रही है, जिसमें जातिगत जनगणना और OBC अधिकारों पर जोर दिया जाएगा।
OBC प्रशिक्षण कार्यक्रम: पार्टी OBC युवाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण और नेतृत्व विकास कार्यक्रम शुरू करने जा रही है, ताकि उन्हें राजनीति में आगे लाया जा सके।

कांग्रेस की OBC रणनीति एक बड़ा कदम है, जो सामाजिक न्याय और समानता की दिशा में महत्वपूर्ण हो सकता है। लेकिन यह तभी सफल होगा जब यह रणनीति जमीनी स्तर पर लागू हो और सभी OBC समुदायों को एकसमान प्रतिनिधित्व मिले।

आप क्या सोचते हैं? क्या कांग्रेस की यह रणनीति OBC समुदाय का भरोसा जीत पाएगी? या फिर इसमें और सुधार की जरूरत है? अपनी राय हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। 

Tags