ऐसे समझें प्रस्तावित व्यवसायिक इंजीनियर्स विधेयक 2025 को

How to understand the proposed Professional Engineers Bill 2025
 
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(इंजी. विवेक रंजन श्रीवास्तव – विभूति फीचर्स)
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) द्वारा प्रस्तावित व्यवसायिक इंजीनियर्स विधेयक 2025 इंजीनियरिंग पेशे को अधिक संगठित, पारदर्शी और विश्वसनीय बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। इस विधेयक का उद्देश्य इंजीनियरों के लिए एक राष्ट्रीय लाइसेंसिंग प्रणाली लागू करना है, जिससे इंजीनियरिंग कार्यों में जवाबदेही और गुणवत्ता नियंत्रण को सुदृढ़ किया जा सके। यह विधेयक संसद के आगामी शीतकालीन सत्र में प्रस्तुत होने की संभावना है।

क्या बदलेगा इस नए कानून से?

इस विधेयक के अंतर्गत भारतीय व्यवसायिक इंजीनियर्स परिषद (IPEC) का गठन किया जाएगा। यह 27 सदस्यीय राष्ट्रीय संस्था इंजीनियरों के—
पंजीकरण (Registration)
लाइसेंसिंग (Licensing)
पेशेवर मानकों के निर्धारण

का कार्य संभालेगी।

किसी भी तकनीकी, निर्माण या इंजीनियरिंग परियोजना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने से पहले उचित लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य होगा। इसके लिए एक राष्ट्रीय रजिस्ट्रेशन सिस्टम की शुरुआत की जाएगी।
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वर्तमान इंजीनियरों को मिलेगा संक्रमण काल

मौजूदा इंजीनियरों को नए नियमों के अनुरूप पंजीकरण कराने के लिए 5 से 10 वर्ष का संक्रमणकाल दिया जाएगा। इस अवधि में वे लाइसेंस प्राप्त करने हेतु आवश्यक योग्यताएँ पूरी कर सकेंगे।
AICTE के पूर्व सचिव राजीव कुमार के अनुसार, भारत में इंजीनियरिंग अकेला ऐसा बड़ा पेशा है जहाँ अब तक राष्ट्रीय स्तर पर लाइसेंसिंग व्यवस्था मौजूद नहीं थी। यह विधेयक इस कमी की पूर्ति करेगा और पूरे सेक्टर में नए पेशेवर मानक स्थापित करेगा।
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क्यों ज़रूरी है यह बदलाव?

प्रस्तावित प्रणाली से—
इंजीनियरिंग सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार
प्रोजेक्ट्स की सुरक्षा और विश्वसनीयता में वृद्धि
तकनीकी कार्यों में जवाबदेही
पेशेवर नैतिकता की मजबूती
जैसे अनेक सकारात्मक परिणामों की अपेक्षा है।
यह प्रणाली मेडिकल, लीगल और आर्किटेक्चर की तरह इंजीनियरिंग को भी एक नियमित (regulated) पेशा बनाएगी।
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चुनौतियाँ भी रहेंगी

छोटे इंजीनियरों, फ्रीलांसर्स या स्वतंत्र रूप से काम करने वालों को शुरुआत में लाइसेंस और पंजीकरण प्रक्रिया जटिल लग सकती है। लेकिन दीर्घकाल में यह व्यवस्था—
पारदर्शिता
पेशेवर विश्वसनीयता
अंतरराष्ट्रीय स्वीकार्यता
के नए अवसर खोलेगी।
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कुल मिलाकर

व्यवसायिक इंजीनियर्स विधेयक 2025 न केवल इंजीनियरिंग पेशे को सुव्यवस्थित करेगा, बल्कि इसे वैश्विक मानकों के अनुरूप भी लाएगा। तेजी से बढ़ती तकनीकी जरूरतों और बड़े प्रोजेक्ट्स के युग में यह एक महत्वपूर्ण, समयोचित और आगे की सोच वाला कदम माना जा रहा है।
(विभूति फीचर्स)
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