एक देश एक चुनाव की परिपाटी पड़ जाए तो भारत की आर्थिक प्रगति की रफ्तार १०० गुनी हो जाएगी: प्रेमावती

उन्होंने कहा कि विपक्ष इसे संघीय ढांचे पर चोट बताता है, उसे याद करना चाहिए कि 1952 से लेकर 1967 तक देश में एक साथ चुनाव हुए हैं, तब संघीय ढांचे पर प्रहार नहीं हुआ, तो अब कैसे होगा।व्यापारी सम्मेलन में जिला पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि यह इलेक्शन भारत की चुनावी राजनीति में एक बहुत बड़ा रिफॉर्म है। उन्होंने कहा कि 'वन नेशन वन इलेक्शन' की कवायद 1983 से चल रही है। तब इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया की पहली रिपोर्ट आई थी। उसमें भी कहा गया था कि देश में एक साथ चुनाव होने चाहिए। प्रेमवती ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि 1983 में तो भाजपा सरकार नहीं थी फिर ये कमीशन किसने बैठे थी। उन्होंने कहा कि इसके बाद कई रिपोर्ट आई, उसमें भी कहा गया कि देश में चुनाव एक साथ ही होने चाहिए। कांग्रेस पार्टी की राजनीति मुंह में राम और बगल में छुरी वाली है। कांग्रेस जब सत्ता में होती है तो अपनी सत्ता को बरकरार रखने के लिए कोई कमीशन कोई संशोधन करने को तैयार रहती है। चाहे देश को कितना बड़ा ही नुकसान क्यों न उठाना पड़ जाए।
कार्यक्रम में व्यापारी वर्ग को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष अजीत सिंह बब्बन ने कहा कि राष्ट्रपति कोविंद की एक देश एक चुनाव रिपोर्ट बताती है कि अगर विधानसभा और लोकसभा चुनाव एक साथ हो जाएं तो जीडीपी में एक से डेढ़ प्रतिशत का इजाफा होगा। हम सबको समझना होगा कि इस कवायद से देश के उद्योग जगत को कितना लाभ पहुंचेगा। इस लाभ का सबसे बड़ा फायदा युवा, किसान, गरीब और महिलाओं को पहुंचेगा। कहा कि कमेटी ने देश में पंचायत और नगर निकाय के चुनावों को भी एक साथ कराने का जिक्र किया है। इस फैसले से नगरीय और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पंख लग जाएंगे। देश में एक साथ चुनाव होने से समय, पैसे दोनों की बचत होगी। शासन प्रशासन बिना किसी हिचक के जनमानस की सेवा में समर्पित रहेगा। कल्याणकारी योजनाएं बिना अटके लटके मूर्त रूप लेंगी। जिससे समाज के हर वर्ग को लाभ पहुंचेगा।
वरिष्ठ व्यापारी भजनलाल ने कहा कि लगातार होने वाली चुनावी प्रक्रिया से सरकारी और निजी विकास प्रभावित होता है। कहा कि अलग-अलग समय पर चुनाव होने के कारण देश में सालभर कहीं न कहीं आदर्श आचार संहिता लागू रहती है, जिससे विकास कार्यों पर प्रभाव पड़ता है, यदि पूरे देश में चुनाव एक साथ कराए जाते हैं, तो इससे न केवल प्रशासनिक बोझ कम होगा, बल्कि विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में भी तेजी आएगी।
संचालन व्यापार प्रकोष्ठ के कपिल मोहन गुप्ता ने किया।\इस कार्यक्रम के दौरान मंच पर पीके वर्मा महामंत्री सत्येंद्र राजपूत व्यापारी नेता विमलेश दीक्षित पवन जैन व्यापार प्रकोष्ठ संयोजक नवनीत गुप्ता दिनेश गुप्ता रामदास गुप्ता एवं सम्मेलन में जिला मंत्री नीतू चंद्रा जिला मीडिया प्रभारी गांगेश पाठक सह मीडिया प्रभारी सत्यम शुक्ला, रमाकांत मौर्य, सहकारी समिति के अध्यक्ष इंद्रेश दीक्षित, नीरज, संजीव गुप्ता, महिला मोर्चा अध्यक्ष अलका गुप्ता आईटी संयोजक सौरभ सिंह गौर प्रबुद्ध प्रकोष्ठ संयोजक अविनाश मिश्रा नगर अध्यक्ष मुदित बाजपेई पंकज सिंह बॉबी गुप्ता आशुतोष बाजपेई सुहाना जैन सोशल मीडिया के अनुराग श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे