आइफा में बॉलीवुड और टॉलीवुड के बीच भेदभाव होता है

हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से लेकर साउथ सिनेमा के बड़े-बड़े सुपरस्टार्स शामिल हुए
अभी हाल ही में यूनाइटेड अरब एमिरेट्स के अबू धाबी शहर में बिग स्क्रीन के सभी छोटे-बड़े स्टार्स इकट्ठा हुए. दरअसल मौका था आईफा अवार्ड 2024 का, जिसमें हिंदी फिल्म इंडस्ट्री से लेकर साउथ सिनेमा के बड़े-बड़े सुपरस्टार्स शामिल हुए... इस इवेंट ने अबू धाबी की रौनक बढ़ा दी और स्टार्स की मौजूदगी ने इसे और खास बना दिया. इस अवॉर्ड शो को बॉलीवुड किंग शाहरुख खान ने एक्टर विक्की कौशल और फिल्ममेकर करण जौहर के साथ मिलकर होस्ट किया. IIFA अवॉर्ड्स में सभी ने शानदार परफॉर्मेंस दी और इंडस्ट्री के बेस्ट आर्टिस्ट्स और डायरेक्टर्स को सम्मानित किया गया.
सब कुछ बहुत अच्छा गुज़रा, लेकिन वो कहते हैं न कि जहां कहीं कुछ अच्छा होता है तो वहां कुछ ग़लत होना भी लाज़मी होता है. तो बस ऐसा ही कुछ आइफा के दौरान भी हुआ. दरअसल, कन्नड़ फिल्म निर्देशक हेमंथ एम राव ने अबू धाबी के यास द्वीप पर हुए इस अवॉर्ड शो में अपना खराब एक्सपीरियंस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया है. अपने इस पोस्ट में उन्होंने क्या-क्या लिखा है चलिए आपको बताते हैं.
हेमंत ने आईफा 2024 के Organisers पर ठीक से मैनेजमेंट न करने का आरोप लगाया
सबसे पहले तो हेमंत ने आईफा 2024 के Organisers पर ठीक से मैनेजमेंट न करने का आरोप लगाया है. उन्होंने लिखा कि इस mismanagement की वजह से वहां आने वाले लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी. उनके मुताबिक, event में ढंग की arrangements नहीं थी, जिससे सभी के लिए inconvenience हुई.इसके अलावा हेमंत राव बेस्ट डायरेक्टर का अवॉर्ड ना मिलने पर भी भड़क उठे. उन्होंने लिखा कि मैं पिछले दस सालों से भी ज्यादा समय से इस इंडस्ट्री में हूं और ये अवॉर्ड शो में मेरा पहला experience नहीं था. हमेशा से ऐसा होता रहा है कि विजेताओं को विमान से लाया जाता है और इवेंट के लिए होस्ट किया जाता है. उदाहरण के लिए मैं सुबह 3 बजे तक बैठा रहा और फिर मुझे एहसास हुआ कि कोई अवॉर्ड नहीं है. मेरे म्यूजिक डायरेक्टर चरण राज के साथ भी यही हुआ.
मैंने बहुत सारे पुरस्कार नहीं जीते
हेमंत ने आगे पोस्ट में लिखा कि ये आपका अवार्ड है. आप इसे जिसे चाहें दे सकते हैं. ये आपकी पसंद है. मैंने बहुत सारे पुरस्कार नहीं जीते हैं और इस पर मेरी नींद भी नहीं उड़ी है, इसलिए ये अंगूर इतने खट्टे भी नहीं हैं. अगर सभी अन्य नॉमिनेटेड personalities को invite किया जाता और उनमें से एक विजेता निकलता तो भी मैं परेशान होने की ज़हमत नहीं उठाता. साथ ही इस साल का फॉर्मेट सिर्फ अवार्ड देने का था. नॉमिनेटेड लोगों का जिक्र तक नहीं किया गया.
आइफा में बॉलीवुड और टॉलीवुड के बीच भेदभाव होता है
साउथ सिनेमा के डायरेक्टर हेमंत राव यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे लिखा कि शायद आपको और आपकी टीम को ये एहसास होने में कुछ समय लग गया है.आपके अवार्ड शोज़ आपके मंच पर प्रस्तुत टैलेंट पर चलते हैं, इसके Adverse नहीं... दुनिया में सबसे बेहतरीन काम का आनंद लेने के लिए मुझे आपके अवॉर्ड की ज़रूरत नहीं है. अगली बार आपको अपने मंच पर मेरी जरूरत होगी और मुझे यकीन है कि ऐसा होगा. अपना पुरस्कार लें और इसे ऐसी जगह रखें जहां सूरज न चमके. हेमंत के गुस्से को देखकर लगता है कि वो आइफा ऑर्गेनाइजर्स से कुछ ज़्यादा ही खफा हैं. इसके अलावा हेमंत की बातों से ऐसा भी लगता है कि वो आइफा वालों पर ये भी आरोप लगा रहे हैं कि आइफा में बॉलीवुड और टॉलीवुड के बीच भेदभाव होता है... बॉलीवुड वालों को ज्यादा अहमियत दी जाती है और टॉलीवुड वालों को घास तक नहीं डाली जाती
