Illegal encroachment drive in ahmdabad : अहमदाबाद में एक बार फिर चला योगी का बुलडोज़र, कई अवैध और गैर सरकारी बिल्डिंग्स को किया गया ध्वस्त

 
Yogi buldozer action on Ahmadbaad

उत्तर प्रदेश में सीएम योगी का अवैध निर्माण पर बुलडोज़र एक्शन के बाद अब अहमदाबाद में भी 2,500 से अधिक अवैध निर्माण गिराए जा रहे हैं, शहर का चंदोला तालाब इलाके में लगभग 2500 अवैध निर्माण हैं, और जिसको देवखते हुए प्रशासन वहां पर अवैध निर्माणों के खिलाफ एक बहुत बड़ा अभियान चला रहा है, first phase में लिए गए action में ही प्रशासन ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए लगभग 2000 से लेकर 4000 तक illegal constructions को मिटटी में मिला दिया है। इन ध्वस्त किए गए ढांचों में लोगों के घर, उनकी दुकानें, सामान रखने के गोदाम और कुछ फार्महाउस भी शामिल हैं।


अहमदाबाद नगर निगम, (AMC), इस मामले में और भी सख्ती से पेश आता दिख रहा है। निगम ने चंदोला झील और राखियाल जैसे इलाकों को MARK करके वहां पर बुलडोजर चला दिया है। LATEST INFORMATION  के ACCORDING, 2500 से भी ज्यादा अवैध घर और दुकानें इस कार्रवाई में पूरी तरह से DEMOLISH कर दी गई हैं। प्रशासन की ओर से यह साफ तौर पर कहा गया है कि यह शहर में illegal encroachment के खिलाफ एक बहुत बड़े स्तर का Campaign चलाया जा रहा है। इस CAMPAIGN का एक special aspect ये भी है कि इसमें खासतौर पर बांग्लादेश से आए हुए INLEGAL MIGRANTS को निशाना बनाया जा रहा है।
ये CAMPAIGN चंदोला झील AREA में अप्रैल MONTH के आखिरी के दिनों में शुरू हुई थी। FIRST PHASE में ही प्रशासन ने अपनी पूरी ताकत लगा दी थी। करीब 70 बुलडोजर, 200 डंपर और 2000 से भी ज्यादा पुलिसकर्मियों के दल के साथ-साथ 1000 नगर निगम के कर्मचारियों की एक बहुत बड़ी टीम इस काम में लगी हुई थी। LOCAL पुलिस Commissioner ज्ञानेन्द्र सिंह मलिक ने इस पूरे मामले पर अपनी बात रखते हुए कहा है कि ये ACTION इलाके में INLEGAL WAY से  रह रहे बांग्लादेशी citizens की inquiry करने के बाद की गई है। उन्होंने ये भी बताया कि इस inquiry में पता चला है कि 180 से ज्यादा  लोग INLEGALLY यहाँ रह रहे थे.


चंदोला में एक्शन लेने के बाद प्रशासन ने  राखियाल इलाके को निशाना बनाया। वहां पर गुजरात हाउसिंग बोर्ड की जमीन पर बनी हुई 20 से ज्यादा INLEGAL FACTORIES, SHOPS और यहां तक कि एक temporary प्रार्थना स्थल को भी 15 मई को ध्वस्त कर दिया गया। इस कार्रवाई के दौरान सुरक्षा व्यवस्था भी अलर्ट पर रखी गई थी और भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया था ताकि किसी भी तरह के Tragic incident से बचा जा सके।

वहीं आज चंदोला इलाके में INLEGAL CONTRUCTIONS हटाने का SECOND PHASE भी शुरू हो चुका है। इस PHASE में प्रशासन का Target है कि 2.5 LAKH SQUARE METER से भी ज्यादा AREA में फैले हुए illegal constructions को पूरी तरह से DESTROY कर दिया जाए। इतने LARGE SCALE पर लेने के लिए 3000 से भी ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है। ALTHOUGH इस ACTION से local CITIZENS में काफी नाराजगी है। उनका कहना है कि इस तोड़फोड़ की वजह से कई परिवार बेघर हो गए हैं, और इनमें कुछ MINOR COMMUNITY के लोग भी शामिल हैं।

इन सबके बीच, अहमदाबाद नगर निगम ने एक RELIEF NEWS भी दी है। उन्होंने बताया कि नगर निगम ने 2010 से पहले चंदोला झील के आसपास रहने वाले लोगों के लिए एक Rehabilitation Plan को PRINCIPALLY मंजूरी दे दी है। इस प्लान के तहत लगभग 10,000 FINANCIALLY WEAK लोगों के लिए घरों का Construction किया जा रहा है। उम्मीद है कि ये CONSTRUCTION अगले 12 महीनों में पूरा हो जाएगा। निगम के अनुसार, इस प्लान के तहत eligible लोगों को 70 SQUARE METER के घर दिए जाएंगे, और हर घर की Estimated cost approx ₹3 लाख होगी।
लेकिन इस पूरे ACTION के दौरान Controversy भी सामने आयी हैं। चंदोला झील के कुछ residents ने इस तोड़फोड़ को रोकने के लिए गुजरात हाई कोर्ट  में एक petition file की थी। हालांकि, अदालत ने उनकी इस petition को reject कर दिया था। COURT ने अपने फैसले में कहा कि चंदोला झील एक Notified water bodies में से एक है और वहां पर किसी भी तरह के CONSTRUCTION की Permission नहीं दी जा सकती। इसके अलावा, इस मामले में लल्लू बिहारी जिन्हें लल्लू पठान के नाम से भी जाना जाता है, इन जैसे कुछ लोगों के AGAINST criminal conspiracy और government property को Encroach करने के allegation में FIR भी दर्ज की गई है।
इस पूरे action पर political और सोशल reactions भी देखने को मिल रहे हैं। गुजरात GOVERNMENT और पुलिस की ओर से इस एक्शन को “national security” और “illegal activities” पर Control पाने के लिए काफी IMPORTANT बताया गया है। वहीं, दूसरी तरफ, कुछ local residents और कुछ social organizations ने इसे Minor community के AGAINST एकतरफा और TARGETED ACTION लेने का आरोप लगाया जा रहा है। इसके अलावा, local residents ने यह भी COMPLAINT की है कि उन्हें अपना सामान और जरूरी चीजें हटाने के लिए ENOUGH TIME भी नहीं दिया गया।
अहमदाबाद में illegal constructions के खिलाफ ये ACTION अभी जारी है, और ये देखना interesting होगा कि आगे इस मामले में क्या मोड़ आता है और प्रशासन इसके बाद और किन AREAS पर अपनी कार्रवाई करता है। इस पूरी घटना पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं।


आपका क्या कहना है क्या गुजरात सरकार सही में INLEGAL ACTIVITIES को रोकने के लिए ये कदम उठा रहा है या इस एक्शन की आढ़ में सरकार Minor community को टारगेट कर रही है? हमें अपनी राय जरूर बताएं

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