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यातायात प्रबन्धन एवं नवीन तकनीकों का प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से पुलिस मुख्यालय में तीन दिवसीय कार्यशाला सम्पन्न

A three day workshop was held at the Police Headquarters with the objective of providing training in traffic management and new techniques.
 
A three day workshop was held at the Police Headquarters with the objective of providing training in traffic management and new techniques.
लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)।प्रशान्त कुमार पुलिस महानिदेशक, उ०प्र० के निर्देशन में यातायात निदेशालय, उ०प्र०, लखनऊ एवं Institute of Road Traffic Education तथा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से दिनांकः 19.03.2025 से 21.03.2025 तक यातायात कर्मियों तथा सड़क दुर्घटनाओं की विवेचना करने वाले विवेचकों हेतु 03 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न हुआ।

प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं एवं उनमें मृतकों की संख्या में कमी लाये जाने एवं यातायात प्रबन्धन को और अधिक बेहतर करने के लिये यातायात पुलिस तथा सड़क सुरक्षा से जुड़े विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संगठन सत्त प्रयासरत है।प्रशिक्षण कार्यशाला में विगत 05 वर्षों में घटित सड़क दुर्घटनाओं एवं उनमें मृतकों की संख्या के आधार पर चिन्हित किये गये शीर्ष 20 जनपदों (लखनऊ, कानपुर नगर, प्रयागराज, आगरा, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, गोरखपुर, बरेली, हरदोई, बुलन्दशहर, अलीगढ़, मथुरा, मेरठ, उन्नाव, सीतापुर, शाहजहाँपुर, बाराबंकी, फिरोजाबाद, कुशीनगर एवं आजमगढ़) में से प्रत्येक जनपद से 01 उपनिरीक्षक यातायात एवं 01 उपनिरीक्षक नागरिक पुलिस, लोक निर्माण विभाग (पी०डब्लू०डी०) से 02. यूपीडा से 01. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से 02 एवं परिवहन विभाग से 05 प्रशिक्षणार्थियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। (कुल संख्या 50 से अधिक)

दिनांकः 19.03.2024 को प्रशिक्षण कार्यशाला में सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित एजेन्सियों यथा परिवहन विभाग, लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, शिक्षा विभाग, चिकित्सा विभाग, नगर विकास, यूपीडा, उपशा इत्यादि की सड़क दुर्घटना घटित होने पर भूमिकाएँ और ज़िम्मेदारी, सड़क दुर्घटनाओं से सम्बन्धित कानून यथा मोटर वाहन अधिनियम-2019, सेन्ट्रल मोटर व्हीकल रूल्स (सी०एम०वी०आर०) व भारतीय न्याय संहिता, दुर्घटनाओं के वैज्ञानिक साक्ष्य संग्रहित करना, दुर्घटना स्थल की नक्शा मौका, सड़क दुर्घटना घटित होने की की स्थिति मेंसड़क की स्थिति, दुर्घटनाग्रस्त वाहन व आसपास की फोटोग्राफी, राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया व उसकी उपयोगिता एवं विभिन्न देशों द्वारा प्रयोग किये जा रहे रोड साइनेजेज के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी

साथ ही रोड इन्जीनियरिंग से सम्बन्धित समस्याओं यथा सिग्नलिंग/साइनेजेज का सही ढंग से न लगे होना, वाहन चालकों द्वारा यातायात नियमों का पालन न करना (जेब्रा क्रासिंग का सिग्नल लाईट से आगे होना, ब्लैक स्पॉट, पशुओं का मार्गों पर आ जाना, पैदल यात्रियों का सिग्नल को अनदेखा कर सड़क को क्रास करना, रॉग साइड ड्राइविंग, नशे की हालत में वाहन चलाना, वाहन चलाने समय मोबाईल का उपयोग करना, ओवरस्पीडिंग करना, अपनी लेन में न चलना, वाहन की निर्धारित क्षमता से अधिक सवारी बैठाना) के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की गयी।

दिनॉकः 20.03.2025 को यातायात नियन्त्रण के साधनों जैसेः रोड साइन, रोड मार्किंग, ट्रैफिक सिग्नल व इण्डियन रोड काग्रेस की गाइड लाइन्स, सड़क दुर्घटना की विवचेना करने वाले विवेचकों को यातायात प्रबन्धन के साथ-साथ कानून व्यवस्था व सड़क दुर्घटनाओं की विवेचनाओं में आने वाली समस्याओं के बारे में केस स्टडी के माध्यम से विस्तृत जानकारी, मोटर व्हीकल ड्राइ‌विंग रेगुलेशन-2017 के सभी 42 नियमों का वर्णन एवं फोरेंसिंक साइंस के द्वारा साक्ष्य संकलन में प्रयोग होने वाले उपकरणों एवं संसाधनों एवं स्कूल के बच्चों को लाने व ले जाने वाले एवं अन्य वाहनों की फिटनेस की जॉच निर्धारित मानकों के अन्तर्गत किये जाने इत्यादि के बारे जानकारी / प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

दिनाँक 21.03.2024 को यातायात नियन्त्रण में (वाहनों में लाल बत्ती, नीली बत्ती, हूटर/सायरन पार्टी झण्डे, हेलमेट सीटबेल्ट न पहनने, मोटर यान अधिनियम 1989 के नियम 100 के अन्तर्गत मोटर वाहनों में ब्लैक फिल्म लगी होने के बत्ती, हूटर/सायरन पार्टी झण्डे, हेलमेट सीटबेल्ट न पहनने, मोटर यान अधिनियम 1989 के नियम 100 के अन्तर्गत मोटर वाहनों में ब्लैक फिल्म लगी होने के कारण, व्हील क्लैम्प ब्रेथ एनालाइजर स्पीड रडार विद् प्रिन्टर/स्पीड राडार विद् प्रिन्टर एवं वीडियो कैमरा खतरनाक अन्धे मोड़ एवं दुर्घटना बाहुल्य स्थलो पर लगाये गये संकेतक बोर्डों के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की गयी। पैदल यात्रियों का सिग्नल को अनदेखा कर सड़क को कास करना, रॉग साइड ड्राइविंग, नशे की हालत में वाहन चलाना, वाहन चलाने समय मोबाईल का उपयोग करना, ओवरस्पीडिंग करना, अपनी लेन मे न चलना, वाहन की निर्धारित क्षमता से अधिक सवारी बैठाना) के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की गयी।

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