'बियॉन्ड द बैज' के 15वें एपिसोड में यूपीएससी टॉपर शक्ति दुबे और उनके पिता ने साझा की सफलता की कहानी

UPSC topper Shakti Dubey and his father shared their success story in the 15th episode of 'Beyond the Badge'
 
पॉडकास्ट की पृष्ठभूमि: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उत्तर प्रदेश पुलिस की उपलब्धियों और विशिष्ट कार्यों को जनसामान्य तक पहुँचाने हेतु वीडियो माध्यम से प्रचार-प्रसार की दिशा में निर्देश दिए गए थे। इसी क्रम में जनवरी 2025 से इस पॉडकास्ट श्रृंखला की शुरुआत हुई थी।  👨‍👧 पिता-पुत्री की प्रेरणादायक बातचीत: देवेंद्र दुबे ने पॉडकास्ट में बताया कि उनकी बेटी ने जहां भी पढ़ने की इच्छा जताई, उन्होंने उसे पूर्ण सहयोग दिया। हालांकि सीमित संसाधनों में रहकर कंप्यूटर, लैपटॉप, या प्रिंटर जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं, फिर भी पाठ्य सामग्री के प्रिंटआउट लाकर वे हमेशा उसे पढ़ाई के लिए प्रेरित करते रहे। जब चौथे प्रयास में इंटरव्यू देने के बावजूद चयन नहीं हुआ, तब परिवार ने उसे टूटने नहीं दिया। बेटे और परिजनों के सहयोग से शक्ति दुबे ने एक और प्रयास किया, जो अंततः सफलता में परिणत हुआ।  💪 शक्ति दुबे की प्रेरक कहानी: पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान शक्ति दुबे ने बताया कि यह उनका पाँचवां प्रयास था। पहले चार प्रयासों की असफलताओं ने उन्हें कई बार यह सोचने पर मजबूर किया कि शायद किसी अन्य क्षेत्र में प्रयास करना चाहिए। लेकिन उनकी मां ने उन्हें बार-बार यह याद दिलाया कि उन्होंने सिविल सेवा का सपना क्यों देखा था। इसी निरंतर प्रोत्साहन से उन्होंने हार नहीं मानी और अंततः पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया।  📝 यूपीएससी अभ्यर्थियों के लिए सुझाव: शक्ति दुबे ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को कई व्यावहारिक सलाह दीं:  पाठ्यक्रम को गहराई से समझें, क्या पढ़ना है और कितनी सामग्री पर्याप्त है—यह पहले से तय करें।  मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के वेटेज को ध्यान में रखकर रणनीति बनाएं।  NCERT पुस्तकों और पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों पर विशेष ध्यान दें।  चूंकि सफल होने की संभावना लगभग 1% होती है, इसलिए वैकल्पिक करियर योजना अवश्य रखें ताकि असफलता की स्थिति में मानसिक संतुलन बना रहे।  🌟 अनुभवों की गहराई: बातचीत में शक्ति दुबे ने अपने वैकल्पिक विषय, तैयारी के तरीके, बार-बार असफल होने के बावजूद कैसे प्रेरणा पाई, परिणाम वाले दिन की मानसिक स्थिति और एक सिविल सेवक के रूप में अपनी प्राथमिकताओं पर भी विस्तार से चर्चा की।  यह संपूर्ण संवाद 'बियॉन्ड द बैज' के 15वें एपिसोड में देखा और सुना जा सकता है, जो न केवल यूपीएससी अभ्यर्थियों के लिए बल्कि हर युवा के लिए प्रेरणा का स्रोत है।
लखनऊ डेस्क (प्रत्यूष पाण्डेय)।
उत्तर प्रदेश पुलिस के आधिकारिक पॉडकास्ट "बियॉन्ड द बैज" के 15वें एपिसोड में इस बार एक प्रेरणादायक उपलब्धि को स्थान मिला है। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2024 में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली उत्तर प्रदेश पुलिस परिवार की बेटी शक्ति दुबे और उनके पिता उपनिरीक्षक देवेंद्र दुबे ने अपने अनुभवों और संघर्षों को साझा किया।

पॉडकास्ट की पृष्ठभूमि:

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उत्तर प्रदेश पुलिस की उपलब्धियों और विशिष्ट कार्यों को जनसामान्य तक पहुँचाने हेतु वीडियो माध्यम से प्रचार-प्रसार की दिशा में निर्देश दिए गए थे। इसी क्रम में जनवरी 2025 से इस पॉडकास्ट श्रृंखला की शुरुआत हुई थी।

पिता-पुत्री की प्रेरणादायक बातचीत:

देवेंद्र दुबे ने पॉडकास्ट में बताया कि उनकी बेटी ने जहां भी पढ़ने की इच्छा जताई, उन्होंने उसे पूर्ण सहयोग दिया। हालांकि सीमित संसाधनों में रहकर कंप्यूटर, लैपटॉप, या प्रिंटर जैसी सुविधाएं उपलब्ध नहीं थीं, फिर भी पाठ्य सामग्री के प्रिंटआउट लाकर वे हमेशा उसे पढ़ाई के लिए प्रेरित करते रहे।
जब चौथे प्रयास में इंटरव्यू देने के बावजूद चयन नहीं हुआ, तब परिवार ने उसे टूटने नहीं दिया। बेटे और परिजनों के सहयोग से शक्ति दुबे ने एक और प्रयास किया, जो अंततः सफलता में परिणत हुआ।

 शक्ति दुबे की प्रेरक कहानी:

पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान शक्ति दुबे ने बताया कि यह उनका पाँचवां प्रयास था। पहले चार प्रयासों की असफलताओं ने उन्हें कई बार यह सोचने पर मजबूर किया कि शायद किसी अन्य क्षेत्र में प्रयास करना चाहिए। लेकिन उनकी मां ने उन्हें बार-बार यह याद दिलाया कि उन्होंने सिविल सेवा का सपना क्यों देखा था।
इसी निरंतर प्रोत्साहन से उन्होंने हार नहीं मानी और अंततः पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया।

 यूपीएससी अभ्यर्थियों के लिए सुझाव:

शक्ति दुबे ने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को कई व्यावहारिक सलाह दीं:

  • पाठ्यक्रम को गहराई से समझें, क्या पढ़ना है और कितनी सामग्री पर्याप्त है—यह पहले से तय करें।

  • मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार के वेटेज को ध्यान में रखकर रणनीति बनाएं।

  • NCERT पुस्तकों और पिछले वर्षों के प्रश्नपत्रों पर विशेष ध्यान दें।

  • चूंकि सफल होने की संभावना लगभग 1% होती है, इसलिए वैकल्पिक करियर योजना अवश्य रखें ताकि असफलता की स्थिति में मानसिक संतुलन बना रहे।

 अनुभवों की गहराई:

बातचीत में शक्ति दुबे ने अपने वैकल्पिक विषय, तैयारी के तरीके, बार-बार असफल होने के बावजूद कैसे प्रेरणा पाई, परिणाम वाले दिन की मानसिक स्थिति और एक सिविल सेवक के रूप में अपनी प्राथमिकताओं पर भी विस्तार से चर्चा की।

यह संपूर्ण संवाद 'बियॉन्ड द बैज' के 15वें एपिसोड में देखा और सुना जा सकता है, जो न केवल यूपीएससी अभ्यर्थियों के लिए बल्कि हर युवा के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

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