प्रथम सत्र में मीडिया कर्मियों के प्रशिक्षण से हुई जीवन रक्षा अभियान की शुरुआत

Life saving campaign started with training of media personnel in the first session
 
Life saving campaign started with training of media personnel in the first session

लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय )।अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल इस 26 जनवरी को 76वां गणतंत्र दिवस बेहद खास अंदाज में मनाने जा रहा है। हॉस्पिटल ने अपनी अनूठी पहल 'मिशन-76' के तहत 76 दिनों में 76 सीपीआर प्रशिक्षण सत्र आयोजित करने का फैसला किया है। इस अभियान की शुरुआत अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल में बुधवार (22 जनवरी 2025) को प्रेस कॉन्फ्रेंस में उपस्थित राजधानी के मीडिया कर्मियों के लिए सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) प्रशिक्षण कार्यक्रम के साथ की गई, जिसमें बड़ी संख्या में पत्रकारों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

मीडिया कर्मियों को सीपीआर प्रशिक्षण देने से उन्हें न केवल जीवनरक्षा की तकनीक का बेहतर ज्ञान मिला, बल्कि अब वे समाज में स्वास्थ्य जागरूकता फैलाने में और भी अहम भूमिका निभाने के लिए सक्षम होंगे।
इस अभियान की शुरुआत अस्पताल के निदेशक (मेडिकल सर्विसेज) डॉ. अजय कुमार के नेतृत्व में हुई। यह प्रशिक्षण आगामी दिनों में शहर के विभिन्न संस्थानों में आयोजित होने वाली कार्यशालाओं की एक कड़ी है। ये सत्र लोगों को आपातकालीन स्थितियों में जान बचाने के लिए तैयार करने की हॉस्पिटल की एक सामाजिक पहल है।
सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) की अहमियत गोल्डन आवर के दौरान सबसे अधिक होती है। जब किसी को हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट होता है, तो शुरुआती कुछ मिनट बेहद कीमती होते हैं। इसे ही गोल्डन आवर कहा जाता है। इस दौरान यदि सही तरीके से सीपीआर दिया जाए, तो उस व्यक्ति की जान बचाई जा सकती है। सीपीआर से दिल और मस्तिष्क तक ऑक्सीजन युक्त रक्त का प्रवाह बना रहता है, जिससे मरीज की जान बचने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
डॉ. अजय कुमार ने कहा कि आपातकालीन स्थिति में सबसे अहम है सही समय पर सही तकनीक का उपयोग करना। सीपीआर एक ऐसा कौशल है, जिसे हर नागरिक को सीखना चाहिए। यह सिर्फ एक तकनीक नहीं, बल्कि किसी की जिंदगी बचाने का माध्यम है। अपोलोमेडिक्स का यह प्रयास हर व्यक्ति को जीवन रक्षक बनाने का है।
अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के एमडी और सीईओ डॉ. मयंक सोमानी ने कहा कि गोल्डन आवर वह समय है जब हर एक सेकंड कीमती होता है और तुरंत मदद मिलना बेहद जरूरी होता है। जब दिल अचानक से रुक जाता है, तो उस समय व्यक्ति की स्थिति बहुत गंभीर हो जाती है। इस समय में सीपीआर (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) सबसे प्रभावी और जीवन रक्षक तकनीक साबित होती है। अगर सही तरीके से और सही समय पर सीपीआर दिया जाए, तो किसी की जान बचाई जा सकती है। हमारा यह अभियान 'मिशन-76' इसी उद्देश्य से शुरू किया गया है, ताकि हम लोगों को इस तकनीक का सही ज्ञान दे सकें। हम चाहते हैं कि अधिक से अधिक लोग सीपीआर का प्रशिक्षण लें, ताकि वे आपातकालीन स्थितियों में दूसरों की जिंदगी भी बचा सकें। यह जीवन रक्षा में एक अहम कदम साबित हो सकता है।
अपोलोमेडिक्स का यह कदम सिर्फ एक अभियान नहीं, बल्कि हर व्यक्ति को आपातकालीन स्थितियों के लिए सक्षम बनाने का एक प्रयास है। यह पहल हर किसी को इस जिम्मेदारी के लिए तैयार करती है कि सही समय पर कदम उठाकर किसी की जिंदगी बचाई जा सके। अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल ने सभी संस्थानों, संगठनों और व्यक्तियों को अपने इस अनूठे अभियान का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया है।

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