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PMKS420 के तहत एक दिवसीय प्रशिक्षण मे विशेषज्ञों ने जल सुरक्षा उसकी गुणवत्ता और ग्रामीण आजीविका के लिए अभिनव दृष्टिकोणो पर प्रकाश डाला।
In a one-day training under PMKS420, experts highlighted water security, its quality and innovative approaches for rural livelihoods.
Sat, 12 Apr 2025

नई दिल्ली, 12 अप्रैल 2025, द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरो) ने उत्तर प्रदेश सरकार के प्रधान मंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 (WDC-PMKSV2.0) के तहत वाटरशेडा विकास घटक के राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी के सहयोग से जलवायु अनुकूल एकीकृत वाटरशेड प्रबन्धन पर एक दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम का उद्देशय प्रतिभागियो • जलवायु अनुकूल वाटरशेड प्रबंधन 1 नीतियो को लागू करने के लिए नवीनतम तकनीको और सर्वोत्तम प्रथाओ से सशक्त बनाना था। श्री अंशुमान, सीनियर केलो और डायरेक्टर, वाटर रिसोर्सेज़ डिविजन टेरी ने उद्घास सम्बोधन दिया।
उन्होंने कहा की उपलब्ध्धता में कमी नहीं है पर जल की गुणवत्ता उपयोग लायक नहीं है। जल के संचयन के साथ उसकी गुणवत्ता पर कार्य करने की जरूरत है। कृषि की पुरानी तकनीकियों को छोड़कर नई तकनीकियो के साथ नवाचार की आवश्यकता है।
उत्तर प्रदेश सरकार के WDC-PMKSY2.0 परती भूमि विकास विभाग के सीईओ० डॉ० हीरा लाल पटेल ने सभी लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा जलवायु परिवर्तन एक तत्कालिक और समय - संवेदनशील मुद्दा है। जन, जंगल और जमीन, धरती हमारी माता है- हम खतरे में है क्योकि हमारी धरती माता खतरे में है और यह हमारा फर्ज है कि जैसे जैविक माता की देखभाल करते है उसी प्रकार जल, जंगल और जमीन की करनी है।
दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी एंड गवर्नेस, आईओ की प्रोफेसर और साइज की संस्थापक प्रो. रूपिंदर ओबेरॉय ने कहा, "ज़मीनी कार्यकर्ताओं और किसानों के व्यावहारिक ज्ञान को सभी के साथ साझा करना आवश्यक है। हमें पानी को केवल पानी के रूप में देखने से आगे बढ़कर इसे एक बहुमूल्य वस्तु और संसाधन के रूप में देखना चाहिए।" इसके अलावा, उन्होंने प्रेरणादायी गांवों के उदाहरण के रूप में मॉडल गांव परियोजना की व्याख्या की।
टेरी के श्री बी. के. लाभ वाइस प्रेसीडेन्ट, जैन इरीगेशन सिस्टम लिमिटेड, ने कहा कि अब तकनीकि से तरक्की की ओर बढना है। ड्रिप इरीगेशन के माध्यम खेती को आसान बनान) से और जल संरक्षण के लिए समझने की जरूरत है। कृषियों को नई तकनीकियों के साथ कॉर्पोरेट फार्मिन करने की जरूरत है पर इम्प्लीमेंट करने की जरूरत है
कार्यक्रम में जलवायु-लचीले वाटरशेड प्रबंधन के महत्वपूर्ण पहलुओं को कवर करने वाले चार व्यापक तकनीकी सत्र शामिल थे। तकनीकी सत्रों में जलवायु-लचीले एकीकृत वाटरशेड प्रबंधन के प्रमुख पहलुओं को शामिल किया गया। चर्चाओं में प्रकृति-आधारित समाधान के रूप में कृषि वानिकी, वाटरशेड प्रबंधन में जलवायु-स्मार्ट प्रथाओं को एकीकृत करना है।