रेल ट्रैक पर बढ़ते हादसे,कहीं बड़ी साजिश के संकेत तो नहीं

Accidents increasing on railway tracks, are they signs of a big conspiracy?
Accidents increasing on railway tracks, are they signs of a big conspiracy?
(मनोज कुमार अग्रवाल-विनायक फीचर्स)  हाल ही में उस समय हड़कंप मच गया,जब दिल्ली-मुंबई रेलवे लाइन पर बुरहानपुर जिले के रेल ट्रैक पर सेना की स्पेशल ट्रेन के गुजरते समय दस डेटोनेटर रखे पाए गए।ये घटना 18 सितंबर की है। सागफाटा रेलवे स्टेशन के नजदीक ट्रैक से डेटोनेटर जब्त किए गए ।इस ट्रैक से जब सेना की एक ट्रेन गुजरी तो तेज विस्फोट हुआ। इसके बाद लोको पायलट ने ट्रेन रोक दी। सूचना मिलते ही रेलवे के बड़े अधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच में जुट गए कि कहीं यह सेना की ट्रेन उड़ाने की साजिश तो नहीं थी ? 18 सितंबर को दोपहर जम्मू-कश्मीर से दक्षिण भारत की ओर जा रही सेना की विशेष ट्रेन के पहियों के नीचे आने से ये सभी डेटोनेटर फटे थे। इससे तेज धमाका हुआ था। पटरी पर डेटोनेटर रखकर सेना की विशेष ट्रेन को रोकने की गंभीर घटना की जांच में रेलवे इंटेलीजेंस, एटीएस, राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी, आरपीएफ जुट गई हैं।


माना जाता है कि डेटोनेटर रखकर ट्रेन को उड़ाने की साजिश के तहत ये कृत्य किया गया।लोको पायलट की सतर्कता से बड़ा हादसा टल गया।आर्मी की यह स्पेशल ट्रेन जम्मू-कश्मीर से कर्नाटक जा रही थी। रेलवे के अनुसार ये डेटोनेटर ट्रेन को इमरजेंसी के दौरान रोकने में  इस्तेमाल किए जाते हैं। इस मामले में रेलवे के ट्रैकमैन सहित 3 कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है।उनसे पूछताछ की जा रही है।जांच एजेंसियां ये जानने का प्रयास कर रही हैं कि ट्रैक पर डेटोनेटर रखने का मकसद क्या था? 

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेलवे के स्टाफ साबिर की गिरफ्तारी सोमवार (23 सितंबर 2024) को हुई है। उससे राष्ट्रीय जाँच एजेंसी, एटीएस और आरपीएफ पूछताछ कर रही है। डेटोनेटर को पटरी पर रखना कोई साजिश थी या शरारत इसकी भी पड़ताल करने में जाँच एजेंसियाँ जुटी हुई है। साबिर की गिरफ्तारी का संज्ञान रेल मंत्रालय ने भी लिया है। मंत्रालय की तरफ से भी जाँच के आदेश  किए गए हैं। मामला सेना से जुड़ा हुआ है इसलिए अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। 

 ताजा जानकारी के अनुसार साबिर पुत्र शब्बीर जो कि गैंग नंबर 14 सागफटा का था, वह उस दिन ड्यूटी से अनुपस्थित था, और घटना वाले दिन ड्यूटी पर उपलब्ध नहीं था। यह रेल संपत्ति की चोरी का मामला है, और इसमें आरोपी ने रेल संपत्ति की चोरी की है। इस मामले में वह सामग्री जो उसका उस समय जिम्मेदार था, उसके पास होनी चाहिए थी, जिसको वह लीगल यूज के लिए दी गई हो। साबिर के द्वारा इसका इस्तेमाल करना गैरकानूनी था। साथ ही इसमें 153 रेलवे एक्ट के तहत जानबूझकर रेल में सफर कर रहे किसी यात्री की सुरक्षा को खतरे में डालने से जुड़ा केस भी दर्ज हुआ है।

 आर्मी स्पेशल ट्रेन के इंजन में डेटोनेटर के टकराने से ब्लास्ट हुआ था। आरोपी ने कोहरा हटाने वाला डेटोनेटर का इस्तेमाल किया था। आरपीएफ  भुसावल के डॉग ‘जेम्स’ ने मौके से सूंघकर आरोपी की शिनाख्त की थी। मामले की जांच एनआइए एटीएस आरपीएफ कर रही है। आरोपी साबीर पिता शब्बीर उम्र 38 वर्ष पदनाम- मेट, यूनिट नंबर 14, रेल पथ विभाग, सागफाटा को गिरफ्तार किया है।एक अन्य घटना गुजरात के सूरत में हुई। यहां रेलवे ट्रैक से फिश प्लेट और 71 कीज हटाने के मामले में नया खुलासा हुआ है। जांच में पता चला कि इसकी सूचना देने वाला की-मैन ही इसका आरोपी निकला। दरअसल, की-मैन सुभाष कुमार ने कबूला कि उसने प्रमोशन पाने के लिए यह साजिश रची थी। 

 चालू वर्ष में रेलवे ट्रैक पर गड़बड़ी कर ट्रेन बेपटरी करने की दर्जनों वारदात सामने आई है । फरवरी 2024 में तमिलनाडु के मदुरै में वांची मनियाची जंक्शन और तिरुनेलवेली जंक्शन के बीच वंदे भारत ट्रेन पर पत्थर फेंके गए, जिसमें 9 खिड़कियों के शीशे टूट गए थे। 12 जुलाई 2024 को पश्चिम बंगाल में दुबराजपुर-चिनियाल सेक्शन के पास रेलवे ट्रैक पर कब्जा और रेलवे ट्रैक तोड़ने की कोशिश की गई, केस में शेख लादेन नाम के शख्स को गिरफ्तार किया गया। पहली अगस्त 2024 को यूपी के लखनऊ डिवीजन के लालगोपालगंज स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर एक साइकिल और गैस सिलेंडर रखा मिला, केस में गुलजार नाम का आरोपी अरेस्ट किया गया। 5 अगस्त 2024 को लखनऊ डिवीजन के लालगोपालगंज स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर गैस सिलेंडर और साइकिल मिली, इस बार गुफरान नाम का आरोपी पकड़ा गया।

17 अगस्त 2024 को यूपी के कानपुर में गोविंदपुरी और भीमसेन के बीच साबरमती एक्सप्रेस के 20 डिब्बे पटरी से उतर गए,मौके से एक पुरानी पटरी का टुकड़ा और लोहे का क्लैंप मिला। 5 अगस्त 2024 को लखनऊ डिवीजन के लालगोपालगंज स्टेशन के पास रेलवे ट्रैक पर गैस सिलेंडर और साइकिल मिली, इस बार गुफरान नाम का आरोपी पकड़ा गया। 17 अगस्त 2024 को यूपी के कानपुर में गोविंदपुरी और भीमसेन के बीच साबरमती एक्सप्रेस के 20 डिब्बे पटरी से उतर गए, मौके से एक पुरानी पटरी का टुकड़ा और लोहे का क्लैंप मिला।

18 अगस्त 2024 को मध्यप्रदेश के जबलपुर में गढ़ा के पास रेलवे लाइन पर कुछ लोहे की छड़ें पड़ी मिलीं, शुरुआती जांच में पता चला कि किसी ने रेलवे की छड़ें चुराकर ले जाने की कोशिश की थी। 20 अगस्त 2024 को यूपी के प्रयागराज के पास रेलवे ट्रैक पर बाइक का अलॉय व्हील रखा मिला, ट्रेन संख्या KN2733541 इससे टकराकर रुक गई, पास ही झाड़ियों में एक प्लास्टिक बैग मिला। 20 अगस्त 2024 को भदोहरा रेलवे स्टेशन के पास कॉन्स्टेबल प्रमोद कुमार और मोहम्मद जावेद की डेडबॉडी मिलीं, मर्डर का केस दर्ज किया गया।एजेंसियों ने इसे साजिश माना। 24 अगस्त 2024 को राजस्थान के अजमेर जिले में जवाई बांध और बिरोलिया के बीच रेलवे ट्रैक पर पत्थर रखे मिले। 23 अगस्त 2024 को यूपी के फर्रुखाबाद जिले में कायमगंज- शमशाबाद के बीच रेलवे ट्रैक पर लकड़ी का बड़ा टुकड़ा रखा मिला। 28 अगस्त 2024 को राजस्थान के बारां में छबड़ा गुगोर और भुलोन के बीच रेलवे ट्रैक पर एक बाइक का स्क्रैप रखा मिला,जिससे मालगाड़ी टकरा गई।

30 अगस्त 2024 को तेलंगाना के रंगारेड्डी में लिंगमपल्ली और हफीजपेट स्टेशनों के बीच रेलवे ट्रैक पर लोहे की रॉड मिली। 30 अगस्त 2024 को झारखंड के पलामू जिले के डाल्टनगंज और कजरी सेक्शन के बीच रेलवे ट्रैक से कुल 100 पेंड्रोल क्लिप चोरी कर ली गई। 30 अगस्त 2024 को ओडिशा के संबलपुर में बिलासपुर-सुरला रोड स्टेशन के बीच डाउन लाइन ट्रैक के पास रखा PAC स्लीपर टैक से फिसल गया और टेन के फटबोर्ट से उलझ गया। 4 सितंबर 2024 को शिवपुरी-पाडर खेड़ा स्टेशन के बीच बीना-ग्वालियर पैसेंजर ट्रेन पत्थर से टकरा गई, जांच में ट्रैक के दोनों ओर पत्थर के निशान मिले।  4 सितंबर 2024 को महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के कुर्दुवाड़ी स्टेशन यार्ड के पास ट्रैक पर एक बड़ा फाउलिंग मार्क स्टोन मिला, जिसके कारण टावर वैगन ट्रैक पर रुक गया। 8 सितंबर को राजस्थान के अजमेर जिले में पट्टियों पर सीमेंट के ब्लॉक डालकर एक मालगाड़ी को पटरी से उतारने की कोशिश की गई। 9 सितंबर 2024 को यूपी के कानपुर में बैरागपुर और उत्तरीपुरा के बीच ट्रैक पर गैस सिलेंडर रखकर कालिंदी एक्सप्रेस को डिरेल करने की साजिश की गई थी।

18 सितंबर 2024 को मध्य प्रदेश के नेपानगर में दिल्ली-मुबंई रेलवे ट्रैक पर डेटोनेटर बिछाए गए। आर्मी अफसरों की ट्रेन को बेपटरी करनी कोशिश की गई। 20 सितंबर 2024 को गुजरात के सूरत में अज्ञात लोगों ने अप लाइन की पटरी से फिश प्लेट और कीज हटा दी थी। उन्हें उसी पटरी पर रख दिया था। 22 सितंबर 2024 को कानपुर में प्रेमपुर स्टेशन पर 5 किलो का खाली सिलेंडर रेलवे ट्रैक पर रखा गया था। ये सभी वारदात किसी सोची समझी साजिश के तहत अंजाम दी जा रही है या इसके पीछे किसी आतंकी संगठन का हाथ है?आतंकवादियों द्वारा लोगों का माइंड वाश कर स्लीपर सैल के जरिए किसी बड़ी रेल दुर्घटना को अंजाम देने की साजिश की भी संभावनाएं जताई जा रही हैं। यह सारे सवाल अभी जबाव के इंतजार में हैं। तमाम जांच एजेंसियां इन सवालों के जवाब तलाश रही हैं।

Share this story