India-Russia Bilateral Trade: 10 साल में 12 गुना उछाल, आर्थिक साझेदारी के नए युग में दाखिल हुए भारत-रूस संबंध

India-Russia Bilateral Trade: 12-fold jump in 10 years, India-Russia relations enter a new era of economic partnership
 
India-Russia Bilateral Trade:

India-Russia Bilateral Trade:   रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा वैश्विक मंच पर चर्चा का केंद्र बना हुआ है, लेकिन इस दौरे के बीच सबसे ज्यादा सुर्खियाँ बटोर रही हैं—भारत और रूस के बीच तेजी से बढ़ती आर्थिक साझेदारी। पिछले दशक में दोनों देशों के द्विपक्षीय व्यापार ने ऐसा अभूतपूर्व विस्तार देखा है,

जिसकी कल्पना शायद खुद भारत और रूस ने भी नहीं की होगी। साल 2015 में जहाँ द्विपक्षीय व्यापार मात्र 6.1 अरब अमेरिकी डॉलर था, वहीं 2024 तक यह आंकड़ा बढ़कर लगभग 72 अरब अमेरिकी डॉलर तक जा पहुंचा। यह उछाल किसी एक फैसले का परिणाम नहीं, बल्कि दोनों देशों की व्यापक रणनीतिक साझेदारी और विविध क्षेत्रों में गहरा होता सहयोग है।

भारत-रूस व्यापार में नई दिशा — एनर्जी से लेकर कैपिटल गुड्स तक मजबूत साझेदारी

भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों और Sputnik की गणना के अनुसार, पिछले दस वर्षों में भारत-रूस व्यापार लगभग 12 गुना बढ़ा है।पहले जहां यह संबंध डिफेंस-आधारित भागीदारी के इर्द-गिर्द घूमता था, अब यह एनर्जी, कॉमर्स, इन्वेस्टमेंट और टेक्नोलॉजी तक फैल चुका है। आज रूस भारत का एक महत्वपूर्ण ऊर्जा आपूर्तिकर्ता बन चुका है, जबकि भारत रूस को मशीनरी, इलेक्ट्रॉनिक्स, फार्मा और केमिकल्स जैसे क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति मजबूत कर रहा है।

 तेल ने बढ़ाई रफ्तार — 12 गुना व्यापार में सबसे बड़ी भूमिका क्रूड ऑयल की

व्यापार में असाधारण उछाल का सबसे बड़ा कारण है एनर्जी ट्रेड, विशेषकर क्रूड ऑयल का आयात।

  • 2015–2024 के बीच भारत का रूस को एक्सपोर्ट 3 गुना बढ़ा (4.8 बिलियन USD)।

  • इसी दौरान रूस से भारत का आयात 15 गुना बढ़कर 67.2 बिलियन USD पहुंच गया।

  • केवल कच्चे तेल का आयात 2024 में 55 बिलियन USD, यानी 2015 की तुलना में लगभग 500 गुना अधिक।

  • 2015 में जहां भारत मात्र 2.5% रूसी कच्चा तेल खरीदता था, आज यह बढ़कर 83% तक पहुंच गया है।

स्पष्ट है कि भारत-रूस व्यापार में सबसे बड़ी छलांग एनर्जी सेक्टर से ही आई है।

 भारत-रूस व्यापार: कौन-सा देश क्या खरीदता-बेचता है?

भारत का रूस को निर्यात

  • मशीनरी व मैकेनिकल इक्विपमेंट

  • इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद

  • फार्मा व मेडिकल प्रोडक्ट्स

  • कार्बनिक/अकार्बनिक केमिकल

  • स्टील, आयरन एवं इंडस्ट्रियल सामान

रूस से भारत में आयात

  • कच्चा तेल व पेट्रोलियम उत्पाद

  • उर्वरक

  • कीमती धातुएँ व स्टोन्स

  • खनिज पदार्थ

  • वेजिटेबल ऑयल

 व्यापार के स्वरूप में बड़ा बदलाव — डिफेंस से हटकर आर्थिक साझेदारी पर फोकस

कभी भारत-रूस संबंधों की नींव डिफेंस को-ऑपरेशन पर टिकी थी, लेकिन अब केंद्र में कच्चा तेल, ऊर्जा सहयोग, मशीनरी, और साधारण व्यावसायिक व्यापार है।भारत की बढ़ती ऊर्जा जरूरतें, रूस की रणनीतिक पॉलिसियाँ और वैश्विक बाजार में बन रहे नए समीकरणों ने इस बदलाव को और तेज किया है। अब भारत-रूस संबंध एक विस्तृत आर्थिक साझेदारी का रूप ले चुके हैं, जो आने वाले वर्षों में और मजबूत होती दिख रही है।

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