भारत सरकार द्वारा नोटिफिकेशन जारी करते हुए 156 फिक्स डोज कांबिनेशन ड्रग्स को बैन कर दिया है
फैसला ड्रग टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड (DTAB) और केंद्र सरकार द्वारा गठित एक विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के बाद लिया गया है ।सिफारिश यह है कि इन FDCs में शामिल सामग्री का कोई चिकित्सीय औचित्य नहीं सिद्ध हुआ है।फार्मेसिस्ट फेडरेशन की सलाह
किसी भी दवा की डोज का निर्धारण मरीज के वजन पर निर्भर करता है, अलग-अलग दवाओं को अगर एक साथ फिक्स्ड डोज कांबिनेशन में रखा जाएगा तो दो या दो से अधिक दवाओं के डोज का निर्धारण करना संभव नहीं है इसलिए फिक्स्ड डोज कांबिनेशन की सलाह उचित प्रतीत नहीं होती
अगर बहुत जरूरी नहीं हो तो किसी भी बीमारी के fdc दवा लेने से बचना चाहिए। बेहतर है कि एक ही दवा लें। जरूरत लगे तो दूसरी दवा ले सकते हैं लेकिन एक ही दवा में कई दवाओं को मिलाकर तैयार की गई दवा न लें। ऐसा करना नुकसानदायक हो सकता है।
*अगर FDC में मौजूद किसी एक दवा से मरीज को एलर्जी है तो यह पता ही नहीं चल पाएगा कि किस दवा से एलर्जी है। जिससे सही इलाज नहीं हो पाएगा। किसी FDC दवा में मौजूद एक दवा को मरीज को दिन में एक बार लेना है, लेकिन उसमें मौजूद दूसरी दवा को दो बार लेना मरीज के लिए ज्यादा फायदेमंद है। तो ऐसे समय में फिक्स्ड डोज कांबिनेशन की दवा उचित नहीं होगी
सुनील यादव
पूर्व चेयरमैन
स्टेट फार्मेसी काउंसिल उत्तर प्रदेश
केंद्र सरकार ने मार्च 2016 में भी 349 एफडीसी दवाओं पर रोक लगा दी थी, लेकिन दवा कंपनियां इस फैसले के खिलाफ कोर्ट चली गई थीं। 2018 में 328 पर रोक लगाई गई । FDC (फिक्स्ड डोज कॉम्बिनेशन) में दो या ज्यादा दवाओं को मिलाकर नई दवा तैयार की जाती है।