भारतीय अब अपना रहे हैं अधिक स्मार्ट और समग्र रिटायरमेंट प्लानिंग: एक्सिस मैक्स लाइफ 'IRIS 5.0' रिपोर्ट

Indians are now adopting smarter and more holistic retirement planning: Axis Max Life 'IRIS 5.0' report
 
Indians are now adopting smarter and more holistic retirement planning: Axis Max Life 'IRIS 5.0' report

लखनऊ डेस्क। एक्सिस मैक्स लाइफ इंश्योरेंस लिमिटेड (पूर्व में मैक्स लाइफ इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड) ने अग्रणी ग्लोबल मार्केटिंग डाटा एवं एनालिटिक्स कंपनी कांतार के साथ मिलकर किए गए अपने वार्षिक इंडिया रिटायरमेंट इंडेक्स स्टडी (IRIS) के पाँचवें संस्करण (IRIS 5.0) के निष्कर्ष जारी किए हैं।

एक्सिस मैक्स लाइफ के एमडी एवं सीईओ सुमित मदान ने बताया कि IRIS 5.0 के अनुसार, भारतीय उपभोक्ता अब अधिक स्मार्ट और समग्र रिटायरमेंट प्लानिंग की ओर बढ़ रहे हैं।

आज के उपभोक्ता पहले की तुलना में स्वास्थ्य के प्रति अधिक जागरूक, उत्पादों के प्रति अधिक समझदार और वित्तीय रूप से अधिक आत्मविश्वासी हो रहे हैं। स्वास्थ्य के प्रति तैयारी बेहतर होने के साथ अब ध्यान पर्याप्त रिटायरमेंट फंड और भावनात्मक संतुलन बनाने पर केंद्रित हो रहा है।"

प्रमुख अवलोकन और प्रगति

  1. इंडेक्स स्कोर में सुधार: रिटायरमेंट की तैयारियों को परखने वाले इस इंडेक्स का स्कोर 2022 में 44 था, जो 2025 में बढ़कर 48 पर पहुँच गया है। यह सुधार फिटनेस की बेहतर आदतों, नियमित स्वास्थ्य जाँच और बड़े पैमाने पर इंश्योरेंस लेने के कारण संभव हुआ है।

  2. स्वास्थ्य तैयारी में सुधार: स्वास्थ्य को लेकर तैयारियों में सबसे ज्यादा सुधार देखा गया है, जो सुरक्षित रिटायरमेंट के लिए वेलनेस को एक प्रमुख स्तंभ के रूप में स्वीकारने को दिखाता है।

  3. वित्तीय जागरूकता: वित्तीय भरोसा स्थिर बना हुआ है, हालांकि रिटायरमेंट के बाद जरूरी फंड को लेकर जागरूकता अभी भी कम है। 10 में से 7 प्रतिभागी मानते हैं कि आरामदायक रिटायरमेंट के लिए ₹1 करोड़ पर्याप्त होंगे।

चुनौतियाँ और नए सेगमेंट पर फोकस

  • अनिश्चितता: अध्ययन में यह सामने आया है कि एक बड़ा वर्ग रिटायरमेंट प्लानिंग की शुरुआत करने के बारे में अनिश्चितता का शिकार है, जिससे भरोसेमंद एडवाइजरी सपोर्ट की जरूरत सामने आई है।

  • समावेशी समाधानों की मांग: गिग वर्कर्स, महिलाओं और रिटर्न माइग्रेंट्स जैसे अलग-अलग सेगमेंट के लिए विशेष रूप से तैयार किए गए और समावेशी समाधानों की आवश्यकता है।

  • नए सेगमेंट का विश्लेषण: इस साल के संस्करण में रिटर्न माइग्रेंट्स और गिग वर्कर्स जैसे सेगमेंट पर फोकस बढ़ाया गया है। पहली बार शामिल किए गए रिटर्न माइग्रेंट्स में यह सामने आया है कि जगह बदलने (रीलोकेशन) के बाद वे स्वास्थ्य एवं कल्याण पर नए सिरे से फोकस करते हुए वित्तीय भरोसे को संतुलित कर रहे हैं।

कांतार में साउथ एशिया की एमडी व चीफ क्लाइंट ऑफिसर सौम्या मोहंती ने कहा कि IRIS 5.0 पूरे भारत में रिटायरमेंट को लेकर लोगों के व्यवहार में आ रहे बदलाव को दिखाता है। यह अध्ययन नीति निर्माताओं, कंपनियों और वित्तीय सेवा प्रदाताओं को ऐसी जानकारियाँ देगा, जो जागरूकता से तैयारी की ओर कदम बढ़ाने में मदद करेंगी। अध्ययन से मिली जानकारियाँ दिखाती हैं कि उद्योग की प्रगति का अगला चरण ज्यादा इनोवेटिव, एडवाइजरी-आधारित और समावेशी रिटायरमेंट सॉल्यूशन प्रदान करने पर निर्भर करेगा।

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