चौथे टेस्ट में भारत का संघर्षपूर्ण ड्रॉ: कोच गंभीर ने जताया गिल और पंत पर भरोसा, आलोचकों को लगाई फटकार

India's struggling draw in the fourth Test: Coach Gambhir expressed confidence in Gill and Pant, slammed the critics
 
चौथे टेस्ट में भारत का संघर्षपूर्ण ड्रॉ: कोच गंभीर ने जताया गिल और पंत पर भरोसा, आलोचकों को लगाई फटकार

इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में भारत ने जबरदस्त जुझारूपन दिखाते हुए मुकाबले को ड्रॉ कराया। इस प्रदर्शन ने भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर की अंदरूनी लड़ाकू भावना को फिर से उजागर कर दिया। मैच के बाद गंभीर ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कप्तान शुभमन गिल की आलोचना करने वालों को क्रिकेट की गहरी समझ नहीं है।

गंभीर ने कहा, "शुभमन गिल की प्रतिभा को लेकर हमें कभी कोई संदेह नहीं रहा। अगर किसी को संदेह था, तो यह उनकी क्रिकेट की समझ पर सवाल खड़ा करता है। कई खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खुद को स्थापित करने में समय लगता है और शुभमन ने उस दिशा में बड़ा कदम उठाया है।"

उन्होंने आगे कहा कि अगर गिल का प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं भी होता, तब भी टीम का उन पर पूरा भरोसा बना रहता। कोच ने यह भी साफ किया कि यह भारतीय टीम मैदान पर देश के आम नागरिक के लिए खेलती है, और जब मैदान पर उतरती है, तो उसका एकमात्र लक्ष्य देश का मान बढ़ाना होता है।
गंभीर ने कहा, "कई लोग यह मान चुके थे कि हम यह मैच हार जाएंगे, लेकिन खिलाड़ियों ने ऐसी वापसी की जो भारतीय क्रिकेट की आत्मा को दर्शाती है। ये खिलाड़ी सिर्फ खुद के लिए नहीं, बल्कि देश के लिए लड़ते हैं और आगे भी इसी जज्बे से खेलेंगे।"
इस मौके पर पूर्व क्रिकेटर संजय मांजरेकर ने भी कोच गंभीर के दृष्टिकोण की सराहना की। उन्होंने कहा कि हालांकि गंभीर के कुछ रणनीतिक निर्णयों पर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन इस मुकाबले में टीम ने बेहतर प्रदर्शन किया। यह पहली बार था जब मांजरेकर ने गंभीर की रणनीति और नेतृत्व की सार्वजनिक रूप से तारीफ की।
कोच गंभीर ने फ्रैक्चर के बावजूद बल्लेबाजी करने वाले विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत की भी खुलकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा, "पंत को पहले ही सीरीज से बाहर मान लिया गया था, लेकिन जिस साहस के साथ उन्होंने बल्लेबाजी की, वह इस टीम की नीयत और मानसिक मजबूती को दर्शाता है। उनकी जितनी तारीफ की जाए, कम है।
इस संघर्षपूर्ण ड्रॉ ने यह साबित कर दिया कि टीम इंडिया सिर्फ प्रतिभा पर नहीं, बल्कि आत्मविश्वास और समर्पण की बुनियाद पर खड़ी है।

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