भारत_फ्रांस के बीच मेघालय में संयुक्त सैन्य अभ्यास शुरू

Joint military exercise between India and France begins in Meghalaya
Joint military exercise between India and France begins in Meghalaya
उत्तर प्रदेश डेस्क लखनऊ ( आर एल पाण्डेय )। भारत और फ्रांस ने मेघालय के उमरोई में संयुक्त सैन्य अभ्यास ‘शक्ति’ के 7वें संस्करण की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को बढ़ावा देना और भारत-प्रशांत क्षेत्र में शांति और सुरक्षा को बढ़ाना है। सोमवार से शुरु हुआ सैन्‍य अभ्यास 26 मई तक आयोजित होगा।

संयुक्त अभ्यास के उद्घाटन समारोह में भारत में फ्रांस के राजदूत थियरी मथोउ और 51 सब एरिया के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल प्रसन्ना सुधाकर जोशी शामिल हुए।  भारत की 90 कर्मियों वाली टुकड़ी का प्रतिनिधित्व मुख्य रूप से राजपूत रेजिमेंट की एक बटालियन के अलावा अन्य टुकडि़यों और सेवाओं के कर्मियों द्वारा किया जा रहा है। भारतीय नौसेना और भारतीय वायु सेना के पर्यवेक्षक भी इस अभ्यास का एक हिस्सा बनेंगे। 90 कर्मियों वाली फ्रांसीसी टुकड़ी का प्रतिनिधित्व मुख्य रूप से 13वीं फॉरन लिजन हाफ-ब्रिगेड (13वीं डीबीएलई) के कर्मियों द्वारा किया जाएगा।

समारोह के दौरान मथोउ ने 1947 में आधिकारिक संबंधों की स्थापना के बाद से फ्रांस और भारत के बीच आपसी विश्वास के अभूतपूर्व स्तर पर प्रकाश डालते हुए दोनों देशों की संप्रभुता और रणनीतिक स्वायत्तता को मजबूत करने पर जोर दिया। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान की हालिया फ्रांस यात्रा के बाद 14 दिवसीय अभ्यास, उप-पारंपरिक परिदृश्यों में मल्टी-डोमेन संचालन के लिए संयुक्त सैन्य क्षमताओं को बढ़ाने पर केंद्रित है। अर्ध-शहरी और पहाड़ी इलाकों पर जोर देने के साथ, इस अभ्यास का उद्देश्य उच्च स्तर की शारीरिक फिटनेस हासिल करना, सामरिक संचालन को परिष्कृत करना और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करना है

इस अभ्यास में एक निर्धारित क्षेत्र पर कब्जा करने की आतंकी गतिविधि से निपटना, एक संयुक्त कमांड पोस्ट की स्थापना करना, एक खुफिया और निगरानी केंद्र की स्थापना, हेलीपैड/लैंडिंग साइट की सुरक्षा, विशेष हेलिबॉर्न ऑपरेशन, घेराबंदी तथा तलाशी अभियान के अलावा काउंटर ड्रोन सिस्टम का उपयोग करना भी शामिल है।भारत और फ्रांस के बीच समुद्री सुरक्षा, रक्षा-औद्योगिक सहयोग, आतंकवाद रोधी और सूचना-साझाकरण सहित मजबूत सैन्य संबंध हैं। भारत द्वारा 36 राफेल लड़ाकू विमानों का अधिग्रहण और 26 राफेल-समुद्री लड़ाकू जेट और अतिरिक्त स्कॉर्पीन पनडुब्बियों के लिए चल रही बातचीत रक्षा सहयोग की गहराई को रेखांकित करती है। दोनों देश उन्नत लड़ाकू जेट और हेलीकॉप्टर इंजनों के विकास पर भी सहयोग कर रहे हैं।

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