क्या IIT'ian Baba जैसी ज़िंदगी जीने में ही है भलाई?

Viral IIT'ian Baba Abhay Singh From Mahakumbh | Why quit science for spirituality | Aapki Khabar

 
क्या IIT'ian Baba जैसी ज़िंदगी जीने में ही है भलाई?
महाकुंभ- दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक उत्सव का आयोजन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज शहर में चल रहा है... आस्था की डुबकी लगाने की सबमें होड़ मची हुई है... सिर्फ भारत के कोने-कोने से ही नहीं, बल्कि दुनिया के हर कोने से लोग इस महाकुंभ में शामिल होने के लिए पहुंच रहे हैं... पश्चिमी देशों से आए अंग्रेज लोग भी साधु बाबा जैसी वेशभूषा में महाकुंभ का आनंद ले रहे हैं और भक्ति के इस रस में डूब रहे हैं... लेकिन इसी बीच इस महाकुंभ में पधारे एक ऐसे बाबा पूरे देश में छाए हुए हैं, जो कि IIT'ian हैं... IIT'ian समझ रहे हैं ना आप, Indian Institute Of Technology जैसे world famous educational Institute से प्रोफेशनल स्टडीज़ हासिल करने वाला शख़्स.

जी हां, जिन IIT'ian बाबा की हम बात कर रहे हैं, उन्हें लोग इंजीनियर बाबा भी पुकार रहे हैं... सोशल मीडिया पर ये IIT'ian बाबा ही छाए हुए हैं... इनका दावा है कि इन्होंने IIT Bombay से Aerospace Engineering की है... कुछ सालों तक प्रोफेसर के तौर पर अपनी सर्विसेज़ देने के बाद इनका मन कहीं और भड़कने लगा... मोह माया से ये दूर होते गए... और अब साइंस का रास्ता छोड़कर इन्होंने आध्यात्म का रास्ता अपना लिया है... क्योंकि अब उन्हें आध्यात्म की जिंदगी में ही शांति और सुकून मिलता है...

खैर, इन IIT'ian बाबा को लेकर आपके मन में कई सारे सवाल होंगे... जैसे कि ये बाबा आखिर हैं कौन, कहां के रहने वाले हैं, इतनी अच्छी नौकरी छोड़कर बाबा क्यों बन गए वगैरा-वगैरा... आपके सारे सवाल वाजिब हैं... भई ज़ाहिर है, आईआईटी जैसे इंस्टिट्यूट से पढ़ कर बाहर निकलने वाले शख़्स की एक luxury lifestyle हो जाती है... लेकिन इन्हें देखकर तो कहीं से नहीं लगता कि ये कभी आईआईटी के सामने से गुज़रे भी होंगे... तो क्या ये बाबा अपनी ये आईआईटी वाली बात बोलकर सबकी आंखों में धूल झोंककर ज़बरदस्ती अपनी वाह-वाही करवा रहे हैं? चलिए जानते हैं इनकी पूरी हकीकत.

इन IIT'ian बाबा का असली नाम अभय सिंह है... इनके इंस्टाग्राम हैंडल से मालूम चला है कि ये हरियाणा के रहने वाले हैं... अभय सिंह ने कई मीडिया इंटरव्यूज़ में दावा किया है कि उन्होंने IIT बॉम्बे से इंजीनियरिंग की है... उनका सब्जेक्ट एयरोस्पेस था... इन इंटरव्यूज़ में अभय सिंह ने दावा किया कि बॉम्बे IIT से पढ़ाई पूरी करने के बाद वो कैंपेस इंटरव्यू में बैठे थे... इसमें उनका सेलेक्शन हो गया था... उन्हें एक कंपनी से लाखों का पैकेज ऑफर हुआ था... उन्होंने कुछ दिन नौकरी की भी... लेकिन इसमें इन्हें कोई किक नहीं मिल रही थी क्योंकि इन्हें स्कूल के दिनों से ही फोटोग्राफी का शौक था... खासतौर पर वो ट्रैवेल फोटोग्राफी एन्जॉय किया करते थे... वो इससे रिलेटेड कोई कोर्स करना चाहते थे... इसलिए अपने इसी शौक के चलते एक दिन इन्होंने इंजीनियरिंग छोड़ दी... फिर ट्रैवल फोटोग्राफी का कोर्स किया... और अपनी फोटोग्राफी की दुनिया में मशगूल होने के दौरान ही जिंदगी को लेकर इनकी Philosophy बदल गई... इन्होंने कुछ समय के लिए अपना एक कोचिंग सेंटर भी खोला... यहां फिजिक्स पढ़ाया करते थे... लेकिन, इनका मन फिर कहीं लगा ही नहीं... क्योंकि आध्यात्म इनको अपनी तरफ घसींट रहा था...

अब आध्यात्म इनकी ज़िंदगी से कैसे जुड़ता चला गया, चलिए अब ये जान लीजिए... दरअसल, इंजीनियरिंग करते हुए ये धीरे-धीरे फिलॉसफी से कनेक्ट होने लगे... कोर्स से इतर जाकर ये Philosophy की किताबें पढ़ने लगे... ज़िंदगी का असल मतलब समझने के लिए इन्होंने neo-postmodernism, Socrates, Plato के आर्टिकल्स और किताबें पढ़ ली थीं... और बस इन्हीं किताबों को पढ़ने के बाद एक दिन इन्होंने आध्यात्म का रास्ता चुन लिया...

आपको बता दें कि इन IIT'ian बाबा ने अपनी पूरी ज़िंदगी भगवान शिवशंकर को समर्पित कर दी है... इनका कहना है कि अब आध्‍यात्‍म में मजा आ रहा है... अब मैं साइंस के ज़रिए आध्यात्म को समझ रहा हूं... इसकी गहराइयों में जा रहा हूं... सब कुछ शिव है... सत्य ही शिव है और शिव ही सुंदर है..जब इंजीनियर बाबा से पूछा गया कि आध्यात्म की जिंदगी उन्हें कैसी लग रही है? तो इस पर उन्होंने बताया कि मैं अपनी ज़िंदगी के सबसे बेस्ट स्टेज पर हूं... अगर आप ज्ञान का पीछा करते हैं, तो आखिरकार यहीं पहुंचेंगे...तो अब सवाल आता है कि क्या वाकई, आध्यात्म में ही असल चैन ओ सुकून है? क्या जो ज़िंदगी हम और आप जी रहे हैं, क्या ये सिर्फ छलावा है, इससे ज़्यादा कुछ भी नहीं? क्या सारी सांसारिक मोह माया को त्याग कर संन्यास लेने में ही भलाई है?

Tags