लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)। श्री जय नारायण मिश्र महाविद्यालय में आज महिला सुरक्षा और सम्मान के लिए चल रही "जागते रहो भारत यात्रा" के ध्वजवाहक राजेंद्र कुमार के लखनऊ आगमन पर उनके स्वागत समारोह का आयोजन किया गया।
उल्लेखनीय है कि राजेंद्र कुमार, महिला सुरक्षा अभियांन को लेकर संपूर्ण भारतवर्ष की 21000 किलोमीटर की यात्रा पर है। उनकी यह यात्रा 21 राज्यों से होते हुऎ 100 दिनों में पूरी होगी।
इस अवसर पर राजेंद्र कुमार ने बताया कि जागते रहो भारत यात्रा का शुभारंभ, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, 8 मार्च 2025 को माउंट आबू से किया गया था। देश के 21 राज्यों में 100 दोनों तक चलने वाली यात्रा के दौरान लोगों को महिला सुरक्षा और सम्मान के लिए संवेदनशील और जागरूक बनाने का प्रयास किया जाएगा। यात्रा का समापन 7 जून 2025 नई दिल्ली में होगा। इस अवसर पर उन्होंने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा, उनका आत्मसम्मान, उनकी आत्मनिर्भरता तथा स्वतंत्रता आज भी एक गंभीर समस्या बनी हुई है।
हालांकि ईश्वर ने महिलाओं को अनेकों दिव्य गुणो से नवाजा है किंतु समाज में आज भी महिलाओं के प्रति लोगों की सोच,उनके प्रति होने वाले दुर्व्यवहार, यौन हिंसा एवं शारीरिक शोषण की खबरे हम सबको झकझोर देती है। आज सबसे ज्यादा जरूरत है कि हम महिलाओं को मानवीय एवं संवैधानिक नागरिक के दृष्टिकोण से देखें। समाज में आज भी पितृसत्तात्मक सोच कहीं न कहीं भारी पड़ती है और पुरुष महिलाओं को केवल उपभोग की दृष्टि से ही देखते हैं। यह सोच महिलाओं के विकास एवं सुरक्षा में सबसे बड़ी बाधा है। "जागते रहो भारत यात्रा" का उद्देश्य लोगों में पनप रही इस सोच को बदलना है तथा इसके स्थान पर महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता के भाव विकसित करना है। उन्होंने कहा कि महिला अपराध मुक्ति की लड़ाई सरकार और समाज को मिलकर लड़नी होगी।
आधी आबादी की अस्मिता पर प्रहार विश्व गुरू भारत के सामने बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के विरूद्ध अमानवीय अपराध को लेकर देश भर की पीड़ा को हमने नज़दीक से महसूस किया है। राजेंद्र कुमार ने युवा छात्र-छात्राओं को महिलाओं के प्रति सम्मान और उनकी आवश्यकताओं को गंभीरता से समझने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इस जागरूकता के बिना हमारे राष्ट्र का संपूर्ण समाज विकसित नहीं हो सकता। आधी आबादी को उचित न्याय, सम्मान और सुरक्षा दिए बिना हम विकसित होने का दावा नहीं कर सकते।
इस अवसर पर उनकी सहयात्री 78 वर्षीय जम्मू बेन ने लोगों को महिलाओं के प्रति सकारात्मक सोच रखने का आग्रह किया। उन्होंने एक गीत.
"युग की जड़ता के ख़िलाफ़ एक इंकलाब है, हिन्द के जवानों का एक सुनहरा ख़्वाब है" गाकर सुनाया। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक, सामाजिक और व्यावहारिक चेतना लाने के लिए क्रांति के स्तर पर कार्य करना होगा। इस अवसर पर प्राचार्य प्रो विनोद चंद्रा ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि राजेंद्र कुमार एवं जम्मू बेन के प्रयास बहुत ही सराहनीय है। इनके इस प्रयास से राष्ट्र में मानवीय मूल्यों की स्थापना होने के मार्ग प्रशस्त होंगे। उन्होंने "जागते रहो भारत यात्रा" के सभी आयोजको शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर डॉ अंशुमालि शर्मा ने सभी अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के अनेक शिक्षक, बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं एवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे।