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बच्चों को अच्छे संस्कार देकर सुंदर समाज का निर्माण संभव है_ ओंकार मनीषी

गांव में बच्चों के लिए इस प्रकार का शिविर स्तुति योग्य है। उक्त विचार विनोबा।सेवा आश्रम बरतारा शाहजहांपुर में श्रीगुरुदेव सर्वांगीण सुसंस्कार शिविर का दीप।प्रज्वलित कर शुभारंभ करते हुए गांधी साप्ताहिक के संपादक श्री ओंकार मनीषी जी ने व्यक्त करते हुए कहा कि बच्चे की पहली।गुरु मां है उसकी सेवा में ही मेवा है। इसी के माध्यम से माता पिता गुरु आदि की यात्रा पूर्ण की जा सकती है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि महाराष्ट्र के राष्ट्रसंत टुकड़ोंदास जी की संस्था के साथी कविता येणुरकर के नेतृत्व में 9 अप्रैल से 18 अप्रैल तक सर्वांगीण सुसंस्कार शिविर आयोजित कर प्रशिक्षण प्रदान करेंगी।
विनोबा सेवा आश्रम के संस्थापक श्री रमेश भैया ने कहा कि मोजरी आश्रम अमरावती में श्री गुरुदेव मंडल की ओर से मई जून में प्रशिक्षण शिविर होते हैं। ऐसे शिविरों के सुंदर परिणाम का दर्शन भी हुआ है।उसी क्रम में गांव के छः वर्ष से 16 वर्ष के बच्चों के लिए शिविर आयोजित किया गया है।पूज्य बाबा विनोबा ने ग्रामगीता के रचयिता राष्ट्रसंत टुकड़ोदास के भजनों में दिए गए संदेश घर घर पहुंचाने का आह्वान किया। शिविर की प्रमुख शिक्षक कविता बहन ने इस दस दिवसीय सुसंस्कार शिविर में लिए जाने वाले सभी विषयों की जानकारी दी।साथ ही साथ हर विधा के विशेषज्ञ जो साथ में आए हैं
उनकी समर्पण भावना का परिचय दिया। बौद्धिक व्यायाम संगीत की जो त्रिवेणी यहां बहने वाली है।उसका भी सभी को परिचय कराया। विनोबा गो सेवा सदन की अध्यक्ष और जमनालाल बजाज पुरस्कार से सम्मानित विमला बहन ने कहा कि हम विद्यार्थी जीवन से हर देश में तू हर वेष में तू तेरे नाम अनेक तू एक ही है।भजन गाते चले आ रहे हैं।आज उनकी परम्परा को आगे बढ़ाने वाले मंडल को आश्रम में पाकर खुशी हो रही है। उन्होंने गांव के जिस जीवन की कल्पना की है वह सब अनुकरणीय है। संगीत से बच्चे का सांस्कृतिक विकास भी संभव है। आश्रम के संगीत प्रभारी श्री अमर सिंह ने भी बच्चों को संगीत हेतु संबोधित किया।
प्रशिक्षिका गौरी देशमुख जो नंदिनी शिविर में भी भाग ले चुकी है उन्होंने कहा कि बच्चों में टेलेंट की कमी नहीं हैं उसे हमें निखारना है। जो इन दस दिनों में करेंगे।शिविर को श्री सरोज श्रीवास्तव पूर्व राजस्व निरीक्षक टी बी के काम को दिशा देने में जुटे आलोक श्रीवास्तव ने भी संबोधन दिया।शिविर की समन्वयक दिव्या श्रीवास्तव श्रीमती कमला सिंह अहिंसा पुस्तकालय की सीना शर्मा मास्टर केपी सिंह अखिलेश उपाध्याय माधुरी बहन रीना बहन ने समुचित व्यवस्थाएं करने में अपना सहयोग दिया। पूज्य विनोबा जी और गुरुदेव को सूत की माला पहनाकर दीप प्रज्वलन किया गया। विनोबा जी की नाममाला और गुरुदेव हमारा प्यारा और है जीवन का उजियारा सस्वर गाया गया।शिविर का समापन भूदान की हीरक जयंती और ग्राम जयंती दिवस 18 अप्रैल को सम्पन्न होगा।