झिमिर झिमिर बरसेली बदरिया सईंया बिना तरसेली नजरिया

Jhimir Jhimir Barseli Badriya Saiya Bina Tarseli Nazriya
 
Jhimir Jhimir Barseli Badriya Saiya Bina Tarseli Nazriya
उत्तर प्रदेश डेस्क लखनऊ(आर एल पाण्डेय)। लोक चौपाल में जुटी महिलाओं ने गीतों की लड़ी से सावन का स्वागत किया। रविवार को लोक संस्कृति शोध संस्थान द्वारा सिंचाई विभाग के आफिसर्स क्लब में आयोजित चौपाल में गुरु नमन के साथ सावनी गीत संगीत की महफ़िल सजी। चौपाल चौधरी पद्मा गिडवानी, विमल पन्त, इन्द्रा श्रीवास्तव, अवधी विद्वान डा. रामबहादुर मिश्र आदि ने सावन माह की लोक परम्परा, व्रत-त्यौहार, खान-पान आदि पर चर्चा की।

कार्यक्रम का शुभारंभ अर्चना गुप्ता ने गुरु वंदना और सावन गीत सखी री देखो छाये कारे कारे बदरा से किया। पद्मा गिडवानी ने सावन आयो अति मनभावन बदरा घिर घिर आवे ना, विमल पंत ने सखी री श्याम नहीं आये घिरि आई बदरिया, इन्द्रा श्रीवास्तव ने सावन ऋतु आय गई, इन्दु सारस्वत ने पिया मेंहदी ले आय द मोती झील से, शकुन्तला श्रीवास्तव ने हिण्डोला कुंज वन डालो, सीमा अग्रवाल ने हरे रामा झूले कन्हैया संग राधिका रानी रे हरी, सुमन पांडा ने कचौड़ी गली सून कइले, कुमकुम मिश्रा ने मेहदी के रंग बड़े लाल सखी री चढ़े सावन में,

चित्रा श्रीवास्तव ने घनश्याम मोरी रोके डगरिया, अल्पना श्रीवास्तव ने घिर आई बदरिया, प्रियंका दीक्षित ने अरे रामा कृष्ण बने मनिहारी, अरुणा उपाध्याय ने घटा घनघोर है छाई, दीपिका मिश्रा ने अरे रामा भादो रैन अंधियारी, शक्ति श्रीवास्तव ने उमड़त आवे ननदी, अपर्णा सिंह ने भोला नाथ गहमरी का गीत झिमिर झिमिर बरसेली बदरिया सईंया बिना तरसेली नजरिया प्रस्तुत किया। इसके अतिरिक्त प्रो. ऊषा बाजपेई, प्रो. विनीता सिंह, देवाश्री पवार, आभा शुक्ला, डा. करुणा पाण्डे, राखी अग्रवाल, अंजलि सिंह, शक्ति श्रीवास्तव, अपर्णा सिंह, शिखा श्रीवास्तव, रत्ना शुक्ला, निधि निगम, रेनू पांडे, विनीत सिन्हा, अंशुमान मौर्य, एस. पी. साहू आदि ने प्रस्तुति दी। स्वरा त्रिपाठी ने आया सावन बड़ा मनभावन पर मनमोहक नृत्य किया। नृत्यांगना ज्योति किरन रतन, सौरभ कमल, शिखा श्रीवास्तव आदि ने भी नृत्य के रंग बिखेरे। इस अवसर पर सर्वश्री सुरेश कुमार, प्रो. सीमा सरकार, रेखा अग्रवाल,  कविता सिंह, अवनीश शुक्ला, डा.एस.के.गोपाल सहित अन्य उपस्थित रहे। लोक संस्कृति शोध संस्थान की सचिव सुधा द्विवेदी ने संस्थान ने सभी का आभार जताया।

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