कानपुर में हेयर ट्रांसप्लांट कांड: ज़हरीला लालच, दो मौतें और फरार फ़र्ज़ी ‘डॉक्टर’
विनीत दुबे (कानपुर)
मयंक (फर्रुखाबाद)
इलाज: दोनों ने अनुष्का तिवारी के एम्पायर क्लीनिक में हेयर ट्रांसप्लांट कराया।
आरोप: सामान्य तौर पर 10–20 लाख ₹ खर्च होने वाली सर्जरी को अनुष्का आधी कीमत में कर देने का दावा करती थी।
परिणाम: कथित रूप से पोस्ट-ऑपरेटिव जटिलताओं के बाद दोनों युवकों की मौत हो गई।
स्वास्थ्य विभाग की चेतावनी
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ. हरिदत्त नेमी ने स्पष्ट किया“हेयर ट्रांसप्लांट सिर्फ पंजीकृत डर्मेटोलॉजिस्ट या प्लास्टिक सर्जन ही कर सकते हैं। झोलाछाप चिकित्सकों के चक्कर में जान जोखिम में न डालें।”सीएमओ कार्यालय ने मामले की औपचारिक जांच शुरू कर दी है। रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत की जाएगी।
परिजनों की मांग और पुलिस कार्रवाईमयंक के परिजन FIR दर्ज करवाने पर अड़े हैं। उनका कहना है कि:मौत के समय पोस्टमॉर्टम नहीं हो सका।उनके पास पर्याप्त सबूत हैं कि मौत हेयर ट्रांसप्लांट की वजह से हुई।वे अनुष्का तिवारी पर ग़ैर-इरादतन हत्या और धोखाधड़ी के आरोप लगाना चाहते हैं। पुलिस टीमें अनुष्का तिवारी की तलाश में कई ठिकानों पर दबिश दे रही हैं, लेकिन अभी उसका सुराग नहीं मिला है।
सर्जन की योग्यता जांचें – डिग्री, रजिस्ट्रेशन नंबर और क्लिनिक का लाइसेंस देखें।
लो-कोस्ट लालच से सावधान – ‘आधी कीमत’ जैसे दावे अक्सर जोखिम बढ़ाते हैं।
पोस्ट-ऑप केयर – बड़ी कॉस्मेटिक सर्जरी के बाद ICU-सपोर्टेड सेट‑अप ज़रूरी है।
कानूनी अधिकार – संदिग्ध उपचार से हुई क्षति पर तुरंत पुलिस और स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें।
