कवि सम्मेलन ने स्थापना दिवस को बना दिया यादगार

क्योंकि मेरी तराजू में मैं और मेरे भीतर के राम भी बैठे होंगे। इसी तरह अमीरी और गरीबी पर तंज करती हुई रचना अमीरी की अकड़ तभी तक रहती है जब तक गरीबी उसे निहारती नहीं है,सुनाया तो हाॅल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
डाॅ0 कविता तिवारी ने , वीर रस से भारी देशभक्ति की रचनाएं सुन कर जोश भर दिया। चिराग जैन की रचना ने माहौल को खुशनुमा बना दिया। प्रसिद्ध कवि प्रियांशु गजेंद्र ने रात रात भर तुम्हें गाया, सुबह छपे अखबार में..। गाकर समा बाँध दिया।इसके अलावा अन्य रचनाये सुनाई।
इसी तरह पद्मिनी शर्मा प्यारा मुझे बहुत था, मगर छोड़ कर आयी, तेरे लिए मां बाप का घर छोड़ कर आयी... सुनाया. राजेश अग्रवाल ने यहां पर राम की खुसियों में रहमान होता है.. सुना कर वाह वाही लूटी। कमल आग्नेय ने वीर रस की कविता सुनाकर देश प्रेम की धारा बहायी। हेमंत पाण्डेय ने भी अपनी रचनाओं से खूब हंसाया। जाने माने हास्य कवि शंभू शिखर ने खूब हंसाया। अपनी रचनाओं से खूब वाहवाही लूटी।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक रहे। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय की यात्रा पर प्रकाश डाला। कहा की उच्च शिक्षा में ए के टी यू ने अलग मुकाम बनाया। हिन्दी को विश्व पटल पर स्थापित करना है. इस अवसर पर कुलपति प्रो जे पी पाण्डेय ने अतिथियों का स्वागत किया।
