छपरा विधानसभा चुनाव 2025: खेसारी लाल यादव बनाम बीजेपी — भोजपुरी स्टार की सियासी पारी कितनी मजबूत?

आज हम बात करेंगे बिहार के छपरा विधानसभा सीट की, जहां भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव पहली बार चुनावी मैदान में उतरे हैं। उनके सामने है बीजेपी का मजबूत गढ़, जो पिछले तीन चुनावों से उनकी पकड़ में है। तो क्या खेसारी की लोकप्रियता इस बार बीजेपी को चुनौती दे पाएगी? आइए, जानते हैं छपरा की इस दिलचस्प सियासी जंग के बारे में!
छपरा शहर का प्रभुनाथ नगर, क़दम चौक। चौक पर खेसारी लाल यादव को विधायक बनाने के लिए उनके गाने तेज़ आवाज़ में बज रहे हैं। माहौल पूरा जोश में है। लेकिन अचानक बिजली गुल! अब सिर्फ़ लोगों की बातचीत और गाड़ियों के हॉर्न की आवाज़ सुनाई दे रही है। खेसारी के समर्थक फटाफट जनरेटर का इंतज़ाम करते हैं, और फिर से उनके गाने बजने शुरू हो जाते हैं। माहौल फिर गर्म! थोड़ी देर बाद खेसारी लाल यादव अपनी थार गाड़ी में नज़र आते हैं, गले में गेंदे की मालाएं सजे। उन्हें देखने के लिए बच्चे, नौजवान, और महिलाएं टूट पड़ते हैं। कोई मोबाइल में तस्वीरें खींच रहा है, तो कोई बच्चा अपने पापा के कंधे पर चढ़कर अपने फेवरेट स्टार को देख रहा है। कुछ महिलाएं आंचल दांतों में दबाए खेसारी को एकटक देख रही हैं। भीड़ में मौजूद स्मिता देवी कहती हैं, "खेसारी को देखने आए हैं। अब तक मोबाइल पर ही देखा था। सामने देखकर मज़ा आ गया। इनका व्यवहार अच्छा है, इन्हें वोट देकर जिताएंगे।"
जी हां, भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव छपरा से आरजेडी के उम्मीदवार हैं। ये उनका पहला चुनाव है। छपरा में उनकी फैन फॉलोइंग गज़ब की है। उनकी छोटी-छोटी सभाओं में इतनी भीड़ उमड़ती है कि कई बार भगदड़ की नौबत आ जाती है। खेसारी कहते हैं, "मैं नेता नहीं, छपरा का बेटा बनने आया हूं। मैं इमोशनल इंसान हूं। मैं पलायन का दर्द समझता हूं। छपरा के लिए आज तक किसी ने कुछ नहीं किया, लेकिन मैं कुछ करना चाहता हूं। हमारे तेजस्वी भइया भी बिहार में बदलाव लाना चाहते हैं।
छपरा विधानसभा सीट बीजेपी का मजबूत गढ़ रही है। 2010, 2015 और 2020 के चुनावों में बीजेपी ने यहां जीत हासिल की। इस बार बीजेपी ने छोटी कुमारी को टिकट दिया है, जो पहले जिला परिषद अध्यक्ष रह चुकी हैं। उनके पति धर्मेंद्र साह बीजेपी के जिला महामंत्री हैं। छोटी कुमारी कहती हैं, "खेसारी एक्टर हैं, लेकिन हम समर्पित कार्यकर्ता हैं। हमने छपरा के लिए काम किया है और आगे भी करेंगे। हमारी सरकार ने महिलाओं के लिए बहुत कुछ किया है।" उनकी एक सभा में बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी भी पहुंचे थे। सभा में 200-300 लोग थे। छोटी कुमारी शांत स्वभाव की हैं और कम बोलती हैं।
छपरा में मुख्य मुकाबला बीजेपी और आरजेडी के बीच है, लेकिन दो निर्दलीय उम्मीदवारों ने इस जंग को और रोमांचक बना दिया है। राखी गुप्ता और राणा यशवंत प्रताप सिंह, दोनों पहले बीजेपी से जुड़े थे, अब निर्दलीय मैदान में हैं। स्थानीय पत्रकार अमित कुमार प्रसाद बताते हैं, "वैश्य मतदाता, जो बीजेपी का मजबूत वोट बैंक हैं, इस बार छोटी कुमारी, राखी गुप्ता और राणा यशवंत के बीच बंट सकते हैं। इसका फायदा खेसारी को मिल सकता है।"
सारण लोकसभा, जिसके तहत छपरा विधानसभा आती है, कभी लालू प्रसाद यादव का गढ़ थी। लेकिन 2014 से बीजेपी के राजीव प्रताप रूढ़ी यहां जीतते आ रहे हैं। 2024 में लालू की बेटी रोहिणी आचार्य भी हार गई थीं। अब आरजेडी खेसारी के जरिए अपना पुराना जनाधार वापस पाने की कोशिश में है।
छपरा के मतदाता इस बार बंटे हुए हैं। जे. पी. सिंह कहते हैं, "राखी गुप्ता को जीतना चाहिए। छपरा गंदा है, खेसारी बाहरी हैं, जीतकर चले जाएंगे।" रोशनी भारद्वाज चाहती हैं, "हमें पढ़ा-लिखा नेता चाहिए, जो रोजगार दे और महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दे।" रजनी कुमारी कहती हैं, "जो जलजमाव से छुटकारा दिलाए, वही चाहिए।" वहीं मंजू देवी का कहना है, "हम कमाते-खाते हैं, सो जाते हैं। वोटिंग का दिन आएगा, तो देखेंगे।"
खेसारी अकेले भोजपुरी स्टार नहीं हैं जो चुनाव लड़ रहे हैं। पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह काराकाट से निर्दलीय लड़ रही हैं। रितेश पांडेय जनसुराज से करहगर में उम्मीदवार हैं। छपरा में पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को होगा। क्या खेसारी लाल यादव की लोकप्रियता बीजेपी के गढ़ को तोड़ पाएगी? ये तो नतीजे ही बताएंगे। आपकी इस बारे में क्या राय है? कमेंट में जरूर बताएं।
