केवीआईसी अध्यक्ष मनोज कुमार ने अपनी टीम के साथ ऑनलाइन माध्यम से लाभार्थियों के बैंक खातों में सब्सिडी स्थानांतरित की
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यह वितरण 17 जून 2025 को एक वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से किया गया, जिसका संचालन नई दिल्ली स्थित राजघाट कार्यालय से केवीआईसी के अध्यक्ष मनोज कुमार ने अपनी टीम के साथ किया। सब्सिडी की यह राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में ऑनलाइन माध्यम से स्थानांतरित की गई। इस आयोजन में केवीआईसी की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रूपराशि समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मुंबई से वर्चुअली जुड़े।
इस अवसर पर अपने संबोधन में अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 'आत्मनिर्भर भारत' की परिकल्पना तेजी से साकार हो रही है और पीएमईजीपी योजना इस दिशा में एक मजबूत आधारशिला बन चुकी है। उन्होंने कहा कि यह योजना सिर्फ आर्थिक सहयोग तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक बदलाव का माध्यम बनकर लाखों युवाओं, महिलाओं और कारीगरों को स्वरोजगार और उद्यमिता से जोड़ रही है।
कार्यक्रम के दौरान देश के सभी छह अंचलों से लाभार्थियों को सब्सिडी का लाभ मिला:
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मध्य क्षेत्र (उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड): 2403 परियोजनाओं को 72 करोड़ रुपये की सब्सिडी मिली, जिनके लिए 218 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत हुआ।
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पूर्वी क्षेत्र (बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, अंडमान-निकोबार): 996 परियोजनाओं को 22 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की गई।
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उत्तर क्षेत्र (पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, राजस्थान, चंडीगढ़): 2713 परियोजनाओं को 61 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई।
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पूर्वोत्तर क्षेत्र: असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा की 81 परियोजनाओं को लगभग 2 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई।
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दक्षिण क्षेत्र (आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी): 4565 परियोजनाओं को करीब 116 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्राप्त हुई।
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पश्चिम क्षेत्र (महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा): 722 परियोजनाओं को 26 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी वितरित की गई।
पीएमईजीपी योजना वर्ष 2008 में शुरू हुई थी और तब से लेकर अब तक यह ग्रामीण और शहरी भारत में स्वरोजगार और सूक्ष्म उद्यमों के लिए एक मजबूत आधार बन चुकी है। वित्त वर्ष 2024-25 तक, इस योजना के अंतर्गत 10.18 लाख से अधिक सूक्ष्म इकाइयों की स्थापना हो चुकी है, जिनके लिए 73,348 करोड़ रुपये का ऋण स्वीकृत किया गया। इसके तहत लाभार्थियों को अब तक 27,166 करोड़ रुपये की मार्जिन मनी सब्सिडी प्राप्त हुई है, जिससे 90 लाख से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है।
यह कार्यक्रम देश में आत्मनिर्भरता को सशक्त करने के साथ-साथ उद्यमिता को जमीनी स्तर पर मजबूत करने वाला एक प्रभावशाली मॉडल बन चुका है।