देश में पहली बार रेलवे ट्रैक की सुरक्षा तथा रेल यात्रियों की सुरक्षा हेतु व्यापक जन जागरूकता अभियान का शुभारंभ 

Launch of a comprehensive public awareness campaign for the safety of railway tracks and safety of railway passengers for the first time in the country.
Launch of a comprehensive public awareness campaign for the safety of railway tracks and safety of railway passengers for the first time in the country.

लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)।भारतीय रेल राष्ट्र की लाइफ लाइन है। उत्तर प्रदेश में सबसे व्यस्ततम रेलवे नेटवर्क है। उत्तर प्रदेश में रेलवे ट्रैक की लंबाई लगभग 16000 किलोमीटर तथा प्रतिदिन लगभग 3031 ट्रेनों का आवागमन होता है। भविष्य में महाकुंभ-2025 का भव्य आयोजन होगा, जिसमें ट्रेन के माध्यम से भी करोड़ों श्रद्धालुओं का आवागमन होगा।

रेलवे द्वारा महाकुंभ-2025 में श्रद्धालुओं के आवागमन हेतु देश के विभिन्न राज्यों से 1000 से अधिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। ऐसी परिस्थिति में रेलवे ट्रैक की सुरक्षा तथा रेल यात्रियों की मंगलमय एवं सुखद यात्रा जीआरपी के लिए अत्यंत चुनौती पूर्ण कार्य है।
 प्रशान्त कुमार, पुलिस महानिदेशक, उ०प्र० द्वारा इस चुनौती से निपटने के लिए आज दिनांक 20.12.2024 को पुलिस मुख्यालय में रेलवे ट्रैक तथा रेल यात्रियों की सुरक्षा के सम्बन्ध में जन जागरुकता अभियान चलाए जाने हेतु पोस्टर, बैनर एवं स्टीकर को आरक्षी रोहित कुमार एवं महिला आरक्षी आरती पाल को प्रदत्त कर शुभारम्भ किया गया।
पुलिस महानिदेशक द्वारा कहा गया कि इन पोस्टर, बैनर एवं स्टीकर को रेलवे स्टेशन, प्लेटफॉर्म, ट्रेन एवं सर्कुलेटिंग एरिया में यात्रियों के सहज दृश्य स्थान पर लगाया जाय। इस अवसर पर अपर पुलिस महानिदेशक रेलवे उपस्थित रहे।
पोस्टर, बैनर एवं स्टिकर पर 'रेलवे पटरी पर भारी वस्तु होने पर', 'रेलवे पटरी क्षतिग्रस्त होने पर', 'रेलवे पटरी पर संदिग्ध गतिविधियां होने पर', रेलवे पटरी के पास संदिग्ध व्यक्ति दिखने पर, यात्रा करते समय अंजान व्यक्ति से खाने-पीने का सामान स्वीकार न करें, आप जहरखुरानी का शिकार हो सकते हैं, यात्रा के दौरान गले की चैन व पर्स का ध्यान रखें आदि स्लोगन एवं छाया चित्र का उल्लेख एवं प्रदर्शन किया गया है तथा तुरन्त 112 को मिलाने की अपेक्षा की गयी है। इस अभियान के माध्यम से ट्रेनों मे आपराधिक एवं सैबोटाज की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण हो सकेगा तथा सुखद एवं सुरक्षित रेल यात्रा संभव हो सकेगी।

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