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बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में 'रासायनिक विज्ञान में हरित एवं सतत दृष्टिकोण' विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का हुआ बेहतरीन समापन

The national seminar organized on 'Green and Sustainable Approach in Chemical Sciences' at Babasaheb Bhimrao Ambedkar University concluded on a grand note
 
The national seminar organized on 'Green and Sustainable Approach in Chemical Sciences' at Babasaheb Bhimrao Ambedkar University concluded on a grand note

 लखनऊ डेस्क (आर एल पाण्डेय)। बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में दिनांक 25 मार्च को रसायन विज्ञान विभाग, बीबीएयू, राष्ट्रीय विज्ञान एवं इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड और लैब लाइन ट्रैडर्स के संयुक्त तत्वाधान में 'रासायनिक विज्ञान में हरित एवं सतत दृष्टिकोण (Green and Sustainable Approaches in Chemical Science- 2025) विषय पर आयोजित द्विदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का बेहतरीन समापन हुआ। इस द्विदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में देश भर के विभिन्न प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थानों के लगभग 115 विद्यार्थियों ने भाग लिया। समापन सत्र की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राज कुमार मित्तल ने की। इसके अतिरिक्त मंच पर स्कूल ऑफ़ फिजिकल एंड डिसीजन साइंस के संकायाध्यक्ष प्रो. बी.सी. यादव, रसायन विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अंजनी कुमार तिवारी एवं आयोजन सचिव डॉ. ज्योति पाण्डेय मौजूद रहीं। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं बाबासाहेब के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। इसके पश्चात आयोजन समिति 


की ओर से माननीय कुलपति एवं शिक्षकों को पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह भेंट करके सम्मानित किया गया। सर्वप्रथम प्रो. अंजनी कुमार तिवारी ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी लोगों का स्वागत किया एवं सभी को संगोष्ठी के उद्देश्य एवं रुपरेखा की जानकारी दी।विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजकुमार मित्तल ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्वीकरण एवं औद्योगिक क्रांति के पश्चात वहनीयता एवं पर्यावरण क्षरण जैसी समस्यायें देखने को मिलती है। अगर समय रहते हम स्वयं को नहीं सुधारते हैं, तो प्रकृति स्वयं से पर्यावरण में संतुलन स्थापित करने का कार्य करेगी । साथ ही प्रो. मित्तल ने रिड्यूस, रियूज, रिसाइकिल चक्र की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए सभी को उत्पाद जीवन चक्र की विभिन्न अवस्थाओं, पर्यावरण संबंधी बहु -विषयक दृष्टिकोण, मानवीय खपत पैटर्न, कैमिकल सेक्टर का अर्थव्यवस्था में योगदान, मनुष्य का प्रकृति के संबंध में कार्बनिक व्यवहार, भौतिक शरीर के पांच कोष एवं उनकी महत्ता आदि विषयों की विस्तृत जानकारी दी। इसके अतिरिक्त प्रो. मित्तल ने विद्यार्थियों को पर्यावरण चैंपियन बनकर पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में बदलाव लाने एवं सतत विकास के लक्ष्यों को सार्थक सिद्ध करने के लिए प्रेरित किया।


 स्कूल ऑफ़ फिजिकल एंड डिसीजन साइंस के संकायाध्यक्ष प्रो. बी.सी. यादव ने चर्चा के दौरान कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य सतत भविष्य के लक्ष्य को साथ लेकर एवं अपनी समझ को व्यापक बनाते हुए एक रोड मैप तैयार करना है, जिससे समाज की भलाई के लिए कार्य किया जा सके। इसके अतिरिक्त इन्होंने अपशिष्ट प्रबंधन. ग्रीन कैमेस्ट्री के क्षेत्र में शोध, नीति निर्माण, उद्योग स्ट्रैटजी आदि पर गंभीरता से प्रकाश डाला। कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र के दौरान मुख्य अतिथि के तौर पर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च, रायबरेली की डायरेक्टर शुभिनी ए. सराफ उपस्थित रहीं।


इस द्विदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के दौरान आठ तकनीकी सत्र, दो पोस्टर प्रस्तुतिकरण सत्र एवं एक मौखिक प्रस्तुतिकरण सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिभागियों ने अपने शोध पत्र एवं पोस्टर प्रस्तुत किये।
 प्रथम तकनीकी सत्र के दौरान रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन के प्रो. अनिल कुमार मिश्रा, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. आर.के. शर्मा एवं बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रो. विनोद के. तिवारी ने संगोष्ठी से संबंधित विभिन्न विषयों पर अपने विचार व्यक्त किये। द्वितीय तकनीकी सत्र प्रो. आर.पी. त्रिपाठी एवं तृतीय तकनीकी सत्र डॉ. जवाहरलाल जाट की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। 


चौथे तकनीकी सत्र का आयोजन प्रो. बी.सी. यादव, पांचवें तकनीकी सत्र का आयोजन प्रो. शिखा एवं छठवें तकनीकी सत्र का आयोजन प्रो. आभा मिश्रा की अध्यक्षता में किया गया। सातवां तकनीकी सत्र ऑनलाइन माध्यम में प्रो. संगीता सक्सेना एवं आठवां तकनीकी सत्र डॉ. प्रीति गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।


 तकनीकी सत्रों के दौरान जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, जम्मू विश्वविद्यालय, उत्तरांचल विश्वविद्यालय, आईआईटी रुड़की, एनआईटी पटना, नाईपर मोहाली आदि प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के शिक्षाविदों ने संगोष्ठी से संबंधित विभिन्न विषयों एवं उप-विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत किये।कार्यक्रम के अंत में इस द्विदिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रतिभाग करने वाले विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।  समस्त कार्यक्रम के दौरान प्रो. संगीता सक्सेना, प्रो. गजानन पाण्डेय, डॉ. प्रीति गुप्ता, डॉ. शैलेश कुमार, डॉ. जवाहरलाल जाट, अन्य शिक्षक, प्रतिभागी, शोधार्थी एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।

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