समाजिक विकास में मातृशक्ति की भूमिका विषय पर आयोजित किया व्याख्यान

इन्होंने अपने व्याख्यान में कहां कि मातृ शक्ति के बिना जीवन का कोई मोल नहीं है। मातृ शक्ति ही विद्यालय, घर, परिवार, कर्यालय आदि सभी जगहों का आधार है जहाँ नारी की पूजा होती है वहीं देवतागण निवास करते है। इन्होंने अपने व्याख्यान में शिक्षा, संस्कार और संयुक्त परिवार पर मोबाइल के बढ़ते दुष्प्रभावों को भी समाहित किया।
इन्होंने बताया वर्तमान समय में व्यक्ति मोबाइल में इतना अधिक व्यस्त है कि उसके पास स्वयं और अपने परिवार के लिए भी समय नहीं है जिसके फलस्वरूप आज संयुक्त परिवार एकल परिवार में विघटित हो गए है जिसका व्यक्ति के संस्कारों और शिक्षा पर भी नकारात्मक प्रभाव दिखाई देता है।
छात्राओं को प्रेरित करते हुए इन्होंने कहा वर्तमान समय में कई विकल्प है विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करने के वहां तक पहुंचने में आपको कई सही और गलत दिशाएँ प्राप्त होगी। यह अपको स्वयं निर्धारित करना है किस दिखा की ओर आपको आगे बढ़ना है। अन्त में महाविद्यालय की शिक्षिका डॉ० स्नेहलता द्वारा "वर्तमान समय में व्यक्ति टच में होते हुए भी टच में नहीं है" को कहते हुए अतिथि महोदय को धन्यवाद ज्ञापित कर कार्यक्रम का समापन किया गया। आज के इस कार्यक्रम में महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो० शेफाली, प्रो० मधु गुप्ता, भाग्य लक्ष्मी, रंजना, रेखा, प्रतिभा जायसवाल, विनीता अवस्थी, अरूणा, निधि, रजनी पचौरी आदि शिक्षिकायें और छात्राऐं उपस्थित रहे।