महिलाओं के कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न (प्रतिषेध) अधिनियम पर विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन

Organizing a legal awareness camp on the sexual harassment (prohibition) act at the workplace of women
 
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हरदोई (अम्बरीष कुमार सक्सेना):
महिलाओं के कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से ग्राम मगियावां के पंचायत भवन में एक विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण, नई दिल्ली और उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशों के तहत आयोजित किया गया।

शिविर का संचालन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण हरदोई के अध्यक्ष/जनपद न्यायाधीश श्री संजीव शुक्ला, सचिव/अपर जिला जज श्री भूपेंद्र प्रताप, एवं तहसील विधिक सेवा समिति, शाहाबाद के सचिव/तहसीलदार श्री अजय कुमार के निर्देशानुसार किया गया।

कार्यक्रम में नामित अधिवक्ता श्री आशुतोष त्रिपाठी और पी.एल.वी. राघवेंद्र विक्रम सिंह द्वारा "महिलाओं के कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न (प्रतिषेध, प्रतिकार और प्रतितोष) अधिनियम, 2013" की विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि यह अधिनियम कार्यस्थल पर महिलाओं को यौन उत्पीड़न से सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाया गया है और यह सरकारी एवं निजी, दोनों प्रकार के संगठनों पर लागू होता है।

प्रमुख जानकारियाँ साझा की गईं:

  • अधिनियम के अंतर्गत कार्यस्थल पर किसी भी प्रकार के यौन उत्पीड़न की शिकायत की जा सकती है।

  • सभी संगठनों में आंतरिक शिकायत समिति (Internal Complaints Committee) का गठन अनिवार्य है, जिसमें कम से कम 50% महिलाएं होना अनिवार्य है।

  • समिति को 10 कार्यदिवस के भीतर अपनी रिपोर्ट संगठन को सौंपनी होती है।

  • यदि शिकायतकर्ता महिला स्वयं शिकायत नहीं कर सकती, तो उसका कानूनी प्रतिनिधि शिकायत दर्ज करा सकता है।

  • पीड़िता की पहचान को पूर्णतः गोपनीय रखा जाता है।

  • दोषी पाए जाने पर भारतीय दंड संहिता (IPC) के अंतर्गत कानूनी कार्रवाई की जाती है।

  • आपात स्थिति में महिला हेल्पलाइन 1090 या विधिक सहायता हेतु टोल फ्री नंबर 15100 पर संपर्क किया जा सकता है।

 उपस्थित गणमान्य एवं ग्रामीणजन

शिविर में ग्राम प्रधान श्री हरनाम सिंह, पंचायत सहायक अंशिता सहित ग्राम के अन्य नागरिकों की सक्रिय उपस्थिति रही। सभी को विधिक अधिकारों और सहायता सेवाओं के बारे में उपयोगी जानकारी दी गई, जिससे ग्रामीण समुदाय में महिला सुरक्षा और कानून के प्रति जागरूकता को बल मिला।

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