जीवन बीमा से जुड़े नियम 01 अक्टूबर से बदले :अम्बरीष सक्सेना
कई रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय जीवन बीमा निगम समेत कई बीमा कंपनियों ने आई आर डी ए आई से सरेंडर वैल्यू रेगुलेशन को संशोधित करने को कहा था। साथ ही यह बात भी कही थी कि पॉलिसी के नॉर्म्स का पालन करने की डेडलाइन बढ़ाई जाए। हालांकि इस बारे में आई आर डी ए आई की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। ऐसे में बीमा कंपनियों को 1 अक्टूबर से लागू होने वाले विशेष सरेंडर वैल्यू रेगुलेशन का पालन करना होगा।
सेबी के रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार और सहजमनी डॉट कॉम के फाउंडर अभिषेक कुमार बताते हैं कि पहले के नियमों के अनुसार अगर पॉलिसी चौथे और सातवें साल के बीच सरेंडर की जाती है तो कुल प्रीमियम का 50 फीसदी भुगतान किया जाना चाहिए।
मान लीजिए कि आपकी किसी पॉलिसी का कुल प्रीमियम 2 लाख रुपये है। अगर आप 4 साल बाद पॉलिसी सरेंडर करते हैं तो पिछले सरेंडर मूल्य नियमों के अनुसार आपको सरेंडर वैल्यू के रूप में 1.2 लाख रुपये (2 लाख रुपये का कुल प्रीमियम और 40 हजार रुपये बोनस की 50 फीसदी रकम) वापस मिलते। अभिषेक बताते हैं कि नए नियमों के मुताबिक अब पॉलिसी सरेंडर करने पर ज्यादा पैसा मिलेगा। एक अक्टूबर के बाद पॉलिसी सरेंडर करने पर 1.55 लाख रुपये वापस मिलेंगे।
अगर आप एक साल बाद अपनी पॉलिसी सरेंडर करते हैं तो आपको ज्यादा सरेंडर मूल्य मिलेगी। अभी तक अगर कोई पॉलिसीधारक एक साल बाद जीवन बीमा पॉलिसी सरेंडर करता था तो उसे कुछ भी रकम नहीं मिलती थी।
उदाहरण के अनुसार एक पॉलिसीधारक ने 5 लाख रुपये की बीमा राशि के साथ 10 साल की पॉलिसी खरीदी। वह पहले वर्ष में 50 हजार रुपये का प्रीमियम चुकाता है। पुराने नियमों के अनुसार अगर वह एक साल बाद पॉलिसी छोड़ता है तो उसे बीमाकर्ता से कोई रिफंड नहीं मिलेगा। उसे 50 हजार रुपये का नुकसान होगा। लेकिन नए नियमों के अनुसार, वह एक साल बाद पॉलिसी छोड़ने पर भी उसे रिफंड मिलेगा। अगर बीमा कंपनी ने पूरे साल का प्रीमियम प्राप्त किया है तो उसे पॉलिसीधारक को 31,295 रुपये वापस करने होंगे।