प्यारा और मीठा एहसास है प्यार
love is a lovely and sweet feeling
Wed, 12 Feb 2025

(फौजिया नसीम 'शाद'-विनायक फीचर्स)
प्यार शब्द को शब्दों में व्यक्त करना बहुत मुश्किल है। प्यार कहने सुनने और व्यक्त करने की चीज़ नहीं। प्यार तो एक ऐसा प्यारा और मीठा एहसास है जिसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है। प्यार की कोई सीमा नहीं होती प्यार विश्वास और त्याग का दूसरा नाम है। प्यार देना जानता है लेना नहीं, प्यार का आसमान बहुत ऊंचा है और इसकी गहराई की कोई सीमा नहीं, प्यार जिन्दगी देता भी यहीं यह जिन्दगी लेता भी है। प्यार रोग है तो इससे बढ़कर दवा भी कोई नहीं, प्यार समर्पण है,
पागलपन है और यदि पागलपन न हो तो वह प्यार नहीं। प्यार आंखों से नहीं दिल से देखता है इसलिए प्यार को अंधा कहा जाता है। प्यार वह ताकत है जो कमज़ोर को मज़बूत और मज़बूत को कमज़ोर बना देता है।
ज़िन्दगी में प्यार न हो तो जिन्दगी बे'रंग और बे'मज़ा हो जाती है। प्यार के बिना जीना किसी कयामत से कम नहीं होता, प्यार की शिद्दत को वही लोग बाखूबी समझ सकते हैं जो किसी से सच्चे मन से प्यार करते हैं वह जिनकी नज़रों में प्यार वासना नहीं बल्कि इबादत होती है। लेकिन यह भी एक वास्तविक सच्चाई है कि बदलते वक्त के साथ आज प्यार के मायने (अर्थ) भी बदल गये हैं और उसका स्वरूप भी परिवर्तित हो गया है। आज प्यार के नाम पर लोग लिव इन रिलेशनशिप व समलैंगिक संबंधों को खुल्लम-खुल्ला जी रहे हैं। प्राचीन परम्पराओं और नैतिक मूल्यों को प्यार के नाम पर तोड़ रहे हैं जबकि यह सभी जानते हैं कि ऐसे अनैतिक रिश्तों का सच्चे प्यार से कोई वास्ता (संबंध) नहीं होता। प्यार तो बस प्यार होता है जिसकी गहराई तक बहुत कम लोग ही पहुंच पाते हैं।
बहुत भाग्यशाली होते हैं वह लोग जो अपने प्यार को आसानी से पा लेते हैं । हमसफ़र के रूप में अपने प्यार के साथ पूरी जिन्दगी गुज़ारते हैं लेकिन बहुत कमनसीब अपने प्यार को कभी स्वयं, तो कभी समाज के झूठे रस्मो रिवाज़ो के कारण हमेशा के लिए खो देते हैं। ऐसे प्रेमियों के मन में बस एक टीस रह जाती है जिन्हें शायर निदा फाज़ली की इन पंक्तियों से समझा जा सकता है- तेरे जहान में ऐसा नहीं कि प्यार न हो जहाँ उम्मीद हो इसकी वहां नहीं मिलता।(विनायक फीचर्स)