लखनऊ पुलिस और मेदांता अस्पताल का ऐतिहासिक साझेदारी: अब आपातकाल में पुलिसकर्मी बनेंगे जीवनरक्षक

लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट और मेदांता हॉस्पिटल, लखनऊ के बीच एक अहम सहयोग समझौते (MoU) पर हस्ताक्षर हुए हैं, जिसका उद्देश्य आपातकालीन चिकित्सा सहायता के क्षेत्र में पुलिस बल को सशक्त बनाना है। पुलिस आयुक्त लखनऊ के नेतृत्व में यह पहल, पुलिसकर्मियों को सीपीआर (CPR) और बेसिक लाइफ सपोर्ट (BLS) जैसे आवश्यक जीवनरक्षक प्रशिक्षण प्रदान करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
प्रशिक्षण का उद्देश्य और महत्त्व
इस पहल का मुख्य उद्देश्य है कि पुलिसकर्मी आपातकाल की ‘गोल्डन ऑवर’ (पहले 60 मिनट) में त्वरित और प्रभावी चिकित्सा सहायता प्रदान कर सकें। भारत में हर वर्ष लाखों लोग कार्डियक अरेस्ट का शिकार होते हैं, और प्रशिक्षित पुलिस बल इस संख्या को घटाने में महती भूमिका निभा सकता है।
प्रशिक्षण की प्रमुख बातें
सीपीआर, BLS, ऑक्सीजन लेवल मापन, रक्तचाप जांच और अन्य बुनियादी आपातकालीन तकनीकों का प्रशिक्षण।
मेदांता विशेषज्ञों द्वारा प्रैक्टिकल वर्कशॉप और संवादात्मक सत्रों का आयोजन।
प्रशिक्षण के दौरान 200+ पुलिसकर्मियों की निःशुल्क स्वास्थ्य जांच, जिसमें BP, SPO2, नाड़ी और तापमान की माप शामिल रही।
112 सेवा सहित विभिन्न पुलिस इकाइयों के कर्मियों ने भाग लिया।
प्रमुख वक्ताओं की राय
डॉ. राकेश कपूर (निदेशक, मेदांता लखनऊ) ने कहा:
"इस प्रशिक्षण से पुलिस बल दुर्घटनास्थलों पर त्वरित सहायता देने में सक्षम होगा, जो जीवनरक्षक सिद्ध हो सकता है।"
डॉ. लोकेन्द्र गुप्ता (निदेशक, आपातकालीन विभाग, मेदांता) ने जोड़ा:
"आपात स्थितियों में प्रशिक्षित पुलिस बल समाज में सुरक्षा और भरोसे की भावना को मजबूत करेगा।"
पुलिस अधिकारियों की प्रतिक्रियाएं
पुलिस आयुक्त, लखनऊ:
"पुलिस अक्सर घटनास्थल पर सबसे पहले पहुंचती है। यह प्रशिक्षण उन्हें 'गोल्डन ऑवर' में प्रभावी प्रतिक्रिया देने में सक्षम बनाएगा।"
संयुक्त पुलिस आयुक्त अमित वर्मा:
"यह पहल लखनऊ पुलिस को 'मल्टी-स्किल्ड फोर्स' के रूप में तैयार करने की दिशा में निर्णायक है। अब हमारे पुलिसकर्मी केवल कानून व्यवस्था ही नहीं, बल्कि जनस्वास्थ्य की रक्षा में भी अग्रणी होंगे।"
भविष्य की योजना
58 थानों के पुलिसकर्मियों को चरणबद्ध प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मेदांता हॉस्पिटल द्वारा निरंतर रिफ्रेशर कोर्स और डिजिटल लर्निंग संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।
इस सहयोग को दीर्घकालिक रूप में विस्तार देने की योजना तैयार की जा रही है।
सामाजिक असर
नागरिक-पुलिस-चिकित्सा का त्रिकोणीय सहयोग अब आपातकालीन स्थितियों में व्यापक राहत सुनिश्चित करेगा।
पुलिस और जनता के बीच विश्वास और जुड़ाव को यह कदम नई ऊंचाई देगा।
प्रशिक्षित पुलिस बल सड़कों, बाजारों और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर आपातकालीन सहायता में बेहतर योगदान दे सकेगा।