लखनऊ विश्वविद्यालय ने सफलतापूर्वक "कचरे को खजाने में बदलना" प्रतियोगिता आयोजित की
 

Lucknow University successfully conducts “Converting Waste into Treasure” competition
Lucknow University successfully conducts “Converting Waste into Treasure” competition
उत्तर प्रदेश डेस्क लखनऊ ( आर एल पाण्डेय )। लखनऊ विश्वविद्यालय के परामर्श एवं मार्गदर्शन प्रकोष्ठ ने हैप्पी थिंकिंग लैब के सहयोग से विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर "कचरे को खजाने में बदलना" प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिसमें छात्रों में नवाचार की भावना और स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाया गया।

लखनऊ विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति  प्रोफेसर आलोक कुमार राय के संरक्षण में कार्यक्रम आयोजित किया गया।परामर्श एवं मार्गदर्शन प्रकोष्ठ की निदेशक डॉ. वैशाली सक्सेना और हैप्पी थिंकिंग प्रयोगशाला की निदेशक प्रो. एम. प्रियदर्शिनी के नेतृत्व में, इस कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों और गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों ने रचनात्मकता और पर्यावरण चेतना के एक दिन के लिए एक साथ आए।

प्रतियोगिता में बेकार पड़ी सामग्रियों से तैयार की गई हस्तनिर्मित कृतियों की एक आकर्षक प्रदर्शनी भी शामिल थी।  विभिन्न विभागों और कॉलेजों से 50 से अधिक प्रतिभागी छात्रों ने पर्यावरण चुनौतियों के लिए अपने कल्पनाशील समाधान प्रस्तुत किए, तथा पर्यावरण स्थिरता के प्रति अपने समर्पण को उजागर किया। डॉ. अर्चना तिवारी, डॉ. अंश, डॉ. विपिन पांडे, डॉ. तनुका चटर्जी और डॉ. उत्कर्ष मिश्रा सहित प्रतिष्ठित शिक्षकों ने कार्यक्रम में अपनी विशेषज्ञता प्रदान की, जिससे स्थिरता और नवाचार पर चर्चा और समृद्ध हुई।

कार्यक्रम की शुरुआत प्रो. मैत्रेयी प्रियदर्शिनी और डॉ. वैशाली सक्सेना द्वारा मुख्य अतिथि बृजेंद्र पाल सिंह और गोपाल उपाध्याय का गर्मजोशी से स्वागत करने के साथ हुई। लोक भारती के गोपाल उपाध्याय ने प्रकृति, पारंपरिक ज्ञान और जैव विविधता के महत्व पर व्यावहारिक संवाद के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की मुख्य अतिथि लोक भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री बृजेंद्र पाल सिंह ने पर्यावरण स्थिरता के महत्व पर जोर दिया और उपस्थित लोगों से "वसुधैव कुटुंबकम" के लोकाचार को अपनाने और प्रकृति के साथ सहजीवी संबंध विकसित करने का आग्रह किया।

कार्यक्रम का समापन डॉ. उत्कर्ष मिश्रा द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने प्रतियोगिता की सफलता में सभी प्रतिभागियों, अतिथियों और आयोजकों के अमूल्य योगदान के लिए उनकी सराहना की।इसके बाद कार्यक्रम का समापन हमारे विशेष अतिथि बृजेंद्र पाल सिंह और गोपाल उपाध्याय द्वारा कार्यक्रम के सभी प्रतिभागियों को खूबसूरत जूट बैग भेंट करने के साथ हुआ "कचरे को खजाने में बदलना" प्रतियोगिता रचनात्मकता को बढ़ावा देने, पर्यावरण चेतना को बढ़ावा देने और समुदाय के भीतर सकारात्मक बदलाव को प्रेरित करने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रतिबद्धता का उदाहरण है।

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