लखनऊ के प्रमुख कॉलेजों ने इमार्टिकस लर्निंग के साथ साझेदारी कर स्थापित किए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस

इमार्टिकस लर्निंग के संस्थापक और सीईओ निखिल बारशीकर ने इस अवसर पर कहा,“हमें लखनऊ के दो प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ मिलकर यह पहल शुरू करने पर बेहद गर्व है। दोनों कॉलेजों को NAAC ग्रेड A प्राप्त है, जो उनकी अकादमिक गुणवत्ता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। ये CoE उद्योग और शिक्षा के बीच सेतु का कार्य करेंगे और छात्रों को इंडस्ट्री-रेडी स्किल्स से लैस करेंगे। हमारा उद्देश्य जल्द ही इसे अन्य टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी विस्तार देना है।”
CoE का उद्देश्य:
इस पहल के माध्यम से कॉलेज कैंपस को करियर एक्सीलरेशन हब में बदला जाएगा, जहां न केवल छात्र, बल्कि फैकल्टी भी लाभान्वित होंगे। यह सहयोग युवाओं की रोजगार क्षमता को बढ़ावा देगा और शिक्षा एवं उद्योग के बीच मौजूद स्किल गैप को पाटने का काम करेगा।
छात्रों को इन्वेस्टमेंट बैंकिंग, डेटा साइंस, इंटरव्यू प्रेपरेशन, इंटर्नशिप और प्लेसमेंट ड्राइव जैसी सुविधाएं मिलेंगी।
आधारित करियर असेसमेंट और स्किल प्लेटफॉर्म:
छात्रों के लिए ILNET करियर रेडीनेस असेसमेंट अनिवार्य होगा। यह एक AI-संचालित साइकोमेट्रिक टूल है, जो छात्रों की क्षमताओं की मैपिंग कर उन्हें व्यक्तिगत करियर मार्गदर्शन प्रदान करेगा। इसके साथ, छात्र SkillHub प्लेटफॉर्म का उपयोग कर सेल्फ-पेस्ड लर्निंग मॉड्यूल्स से अपनी स्किल्स में निरंतर सुधार कर सकेंगे।
फैकल्टी डेवलपमेंट और इंडस्ट्री इंटीग्रेशन:
संस्थानों के शिक्षकों को EDGE फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम के अंतर्गत 25 घंटे का प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे उनकी शिक्षण पद्धति को उद्योग की बदलती आवश्यकताओं के अनुसार परिष्कृत किया जा सके। साथ ही, इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स के सेमिनार, रिज़्यूमे बिल्डिंग वर्कशॉप्स, और इंटरव्यू ट्रेनिंग सत्र भी नियमित रूप से आयोजित किए जाएंगे।
दीर्घकालिक प्रभाव और छात्र सशक्तिकरण:
यह पहल NAAC के अकादमिक और व्यावसायिक मापदंडों को भी मजबूती प्रदान करेगी। CoE केंद्रों में स्टूडेंट एंबेसडर प्रोग्राम, विविध वर्कशॉप्स और एंगेजमेंट इवेंट्स सालभर आयोजित होंगे, जिससे छात्रों की सक्रिय भागीदारी और नेटवर्किंग को बल मिलेगा। इस सहयोग के माध्यम से लखनऊ के शिक्षा संस्थान छात्रों को महज डिग्री नहीं, बल्कि उद्योग के अनुरूप कौशल प्रदान करने में अग्रणी भूमिका निभाएंगे।