मध्यप्रदेश: विकास और समृद्धि की ओर बढ़ते कदम

Madhya Pradesh: Taking steps towards development and prosperity.
 
मध्यप्रदेश: विकास और समृद्धि की ओर बढ़ते कदम

(जगदीश देवड़ा -विभूति फीचर्स) (लेखक: मध्यप्रदेश के उप मुख्यमंत्री)

मध्यप्रदेश अपनी स्थापना की 70वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस शुभ अवसर पर, उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने प्रदेश के नागरिकों को बधाई देते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश अब पूरी तरह से बदल चुका है और और अधिक ऊंचाइयां तय करने के लिए तैयार है। यह अवसर प्रदेश की उपलब्धियों पर गर्व करने और उन महान विभूतियों को याद करने का है, जिन्होंने राज्य के निर्माण में योगदान दिया।

2047 का महत्वाकांक्षी लक्ष्य

भारत के अमृतकाल में मध्यप्रदेश ने भी अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किए हैं। प्रदेश 2047 तक विकसित भारत के निर्माण में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने के लिए तैयार है।

  • सर्वोच्च लक्ष्य: वर्ष 2047 तक $2 ट्रिलियन (दो ट्रिलियन) डॉलर की अर्थव्यवस्था का निर्माण करना, जिसे हासिल करते हुए मध्यप्रदेश स्वयं भी पूर्ण रूप से विकसित राज्य बन जाएगा।

  • क्षमता: मध्यप्रदेश अपनी युवा शक्ति, उपजाऊ जमीन, जल संसाधनों, और भारत की सबसे बड़ी वन संपदा जैसे आधार स्तंभों के साथ आर्थिक विकास को तेज गति से आगे ले जाने की क्षमता रखता है।

  • जीएसडीपी लक्ष्य: वर्ष 2029 तक राज्य की जीएसडीपी (GSDP) दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है।

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विकास के आधार स्तंभ और औद्योगिक नीति

मध्यप्रदेश आज आर्थिक विकास के एक महत्वपूर्ण मोड़ पर खड़ा है, जिसके पास विकास के लिए सभी जरूरी संसाधन मौजूद हैं:

  • कृषि क्षेत्र: खाद्यान्न और दलहन उत्पादन में अग्रणी राज्य।

  • बुनियादी ढांचा: आधुनिक सिंचाई की आदर्श संरचनाएं, बिजली की भरपूर उपलब्धता, और ग्रामीण बुनियादी ढांचे में सुधार।

  • औद्योगिक निवेश:

    • उद्योगों के लिए 1.2 लाख एकड़ से ज्यादा लैंड-बैंक

    • वर्तमान में 112 से ज्यादा औद्योगिक क्षेत्र विकसित हो रहे हैं, साथ ही 14 ग्रीन फील्ड औद्योगिक स्थलों की भी पहचान की गई है।

    • उद्योगों के लिए आकर्षक नीतियां बनाई गई हैं, जिससे प्रदेश में व्यवसाय करना बहुत आसान हो गया है।

चार प्रमुख मिशन: सामाजिक अधोसंरचना का निर्माण

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में, मध्यप्रदेश ने एक ऐसे समाज की कल्पना की है जहाँ गरीब से गरीब व्यक्ति भी समृद्ध हो। संपूर्ण विकसित मध्यप्रदेश के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए इसी वर्ष चार प्रमुख मिशनों को लॉन्च किया गया है, जिनका उद्देश्य गरीब, युवा, किसान और नारी शक्ति को सशक्त बनाना है। ये मिशन 'मध्यप्रदेश 2047' के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए आधार स्तंभ साबित होंगे।

क्षेत्रीय विकास और स्वदेशी अर्थव्यवस्था

  • संरचना में बदलाव: मध्यप्रदेश उद्योग और सेवाओं पर आधारित अर्थव्यवस्था की संरचना और रणनीति में बदलाव की योजना बना रहा है, जिससे निवेश और उत्पादन बढ़ेगा।

  • स्वदेशी पर बल: स्वदेशी की अवधारणा को प्रदेश में अनुकूल वातावरण मिला है। वैश्विक स्तर पर उत्पादन बढ़ाने और स्थानीय ग्रामीण उद्योगों तथा एमएसएमई सेक्टर को सशक्त बनाने की ओर ध्यान केंद्रित है।

  • कृषि विकास: कृषि और संबंधित क्षेत्रों के विकास के लिए क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण अपनाया जाएगा। एग्रो प्रोसेसिंग हब, कोल्ड चैन, और बाजार संपर्क जैसे तत्वों के माध्यम से मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देकर किसानों को मदद की जाएगी।

भौतिक और सामाजिक अधोसंरचना के लक्ष्य

क्षेत्र वर्तमान/लक्ष्य समय सीमा
सिंचाई शुद्ध बोए गए क्षेत्र में सिंचाई का क्षेत्र 85% तक पहुँचाना। 2029
ऊर्जा क्षमता वर्तमान 27,109 मेगावाट से बढ़ाकर 60,000 मेगावाट करना। 2029
नवकरणीय ऊर्जा ऊर्जा क्षेत्र में 50% नवकरणीय ऊर्जा से प्राप्त करना। 2030
स्कूल शिक्षा (GER) सकल नामांकन दर को 90% तक ले जाना। 2029
उच्च शिक्षा (GER) सकल नामांकन दर को 35% तक ले जाना। 2029
  • स्वास्थ्य सेवा: स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए ₹8,000 करोड़ से अधिक का निवेश करने की योजना है। उज्जैन मेडिसिटी जैसी पहलों के साथ मध्यप्रदेश खुद को एक क्षेत्रीय चिकित्सा केंद्र के रूप में विकसित कर रहा है।

  • शहरी और ग्रामीण सशक्तिकरण: शहरों की अधोसंरचना सुधारने के लिए स्थानीय निकायों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है, जबकि ग्राम पंचायत को भी निरंतर सक्षम बनाने का काम चल रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मूल मंत्र 'सबका साथ सबका विकास' को आत्मसात करते हुए, मध्यप्रदेश विकास की नई ऊंचाइयां छूने के लिए तैयार है।

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