माघ मेला 2026: स्मार्ट और हाईटेक हुई बिजली व्यवस्था, पहली बार होगा ‘स्कैन टू फिक्स’ तकनीक का इस्तेमाल
प्रयागराज | 17 दिसंबर : संगम तट पर 3 जनवरी से शुरू होने वाले माघ मेले की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। आस्था के इस विशाल आयोजन को निर्बाध और सुरक्षित बनाने के लिए बिजली विभाग ने इस बार स्मार्ट और हाईटेक विद्युत आपूर्ति व्यवस्था तैयार की है। करीब 800 हेक्टेयर में फैलने वाले मेला क्षेत्र में लगातार बिजली उपलब्ध कराने के लिए कई नई तकनीकों को अपनाया गया है।
पहली बार माघ मेले में लागू होगी ‘स्कैन टू फिक्स’ तकनीक
44 दिनों तक चलने वाले माघ मेले के दौरान संगम की रेती पर एक अस्थायी शहर बसाया जाएगा। इस पूरे क्षेत्र को रोशन रखने और बिजली से जुड़ी समस्याओं का तुरंत समाधान करने के लिए बिजली विभाग पहली बार ‘स्कैन टू फिक्स’ तकनीक का प्रयोग कर रहा है।
माघ मेला विद्युत व्यवस्था के अधिशासी अभियंता अशोक कुमार शर्मा के अनुसार, मेला क्षेत्र में प्रस्तावित 350 किलोमीटर एलटी लाइन में से लगभग 320 किलोमीटर लाइन बिछाई जा चुकी है। साथ ही, श्रद्धालुओं और संस्थानों को 7.5 लाख से अधिक विद्युत कनेक्शन उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि 24x7 निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
15 हजार बिजली पोल्स पर लगेंगे क्यूआर कोड
‘स्कैन टू फिक्स’ तकनीक के तहत मेला क्षेत्र में पहली बार हाईटेक बारकोड सिस्टम लागू किया गया है। इसके अंतर्गत बिजली के खंभों, लाइनों और कनेक्शनों पर 15 हजार से अधिक क्यूआर कोड लगाए जा रहे हैं।क्यूआर कोड स्कैन करते ही बिजली कर्मियों को सीधे कंट्रोल रूम से संबंधित लोकेशन और समस्या की पूरी जानकारी मिल जाएगी, जिससे शिकायतों का रिकॉर्ड समय में समाधान संभव होगा।इस तकनीक का लाभ श्रद्धालुओं को भी मिलेगा। क्यूआर कोड स्कैन कर वे अपनी लोकेशन पहचान सकेंगे, रास्ता भटकने पर परिवार या गंतव्य तक पहुंचने में आसानी होगी। इसके अलावा, गूगल फॉर्म के जरिए बिजली के साथ-साथ पानी, सड़क और अन्य सुविधाओं से जुड़ी शिकायतें भी दर्ज कराई जा सकेंगी।
बिजली गुल होने पर 10 सेकंड में होगी बहाली
मेला क्षेत्र में बिजली बाधित न हो, इसके लिए इस बार 5 रिंग मेन यूनिट (RMU) स्थापित की जा रही हैं। पिछले माघ मेले में केवल एक RMU थी। नई व्यवस्था के तहत बिजली आपूर्ति बाधित होने पर 10 सेकंड के भीतर सप्लाई बहाल हो सकेगी।
सोलर और एलईडी लाइट से जगमगाएगा मेला क्षेत्र
माघ मेले की बिजली व्यवस्था के लिए इस बार 32 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है, जो पिछले मेले की तुलना में लगभग 10 प्रतिशत अधिक है।
मेला क्षेत्र में
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47 किलोमीटर हाई टेंशन लाइन,
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350 किलोमीटर लो टेंशन लाइन,
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25 बड़े और 35 छोटे सब-स्टेशन बनाए जा रहे हैं।
इन सब-स्टेशनों में तीन-स्तरीय पावर बैकअप सिस्टम रहेगा, जिससे आपात स्थिति में भी बिजली आपूर्ति बनी रहे।पूरे मेला क्षेत्र को रोशन करने के लिए
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25 हजार से अधिक एलईडी लाइट्स
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और 500 सोलर हाइब्रिड लाइट्स लगाई जा रही हैं।
संगम के सभी स्नान घाटों और प्रमुख चौराहों पर सोलर हाइब्रिड लाइटें लगेंगी, जिससे ये स्थान 24x7 रोशन रहेंगे। आपात स्थिति से निपटने के लिए डीजी सेट की भी व्यवस्था की गई है।
तकनीक और आस्था का संगम बनेगा माघ मेला
नई तकनीकों, सोलर ऊर्जा और स्मार्ट निगरानी प्रणाली के साथ इस बार का माघ मेला पर्यावरण-अनुकूल, सुरक्षित और तकनीकी रूप से उन्नत होगा। श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं देने के साथ-साथ बिजली विभाग का यह नवाचार माघ मेले को एक मॉडल मेगा इवेंट बनाने की दिशा में अहम कदम साबित होगा।
