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ठोस कचरा प्रबंधन पर जागरूकता अभियान चलाए एमसीडी : सुप्रीम कोर्ट

जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने मंगलवार को कहा, ¨प्रट, इलेक्ट्रानिक और इंटरनेट मीडिया पर विज्ञापन देकर एमसीडी बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान शुरू करे। एमसीडी को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन (एसडब्ल्यूएम) नियम, 2016 के नियम चार के कार्यान्वयन पर जोर देना चाहिए। इस नियम के मुताबिक घरेलू और संस्थागत कचरा उत्पादकों का कर्तव्य है
कि वे कचरे को बायोडिग्रेडेबल, गैर-बायोडिग्रेडेबल और घरेलू खतरनाक कचरे के रूप में अलग-अलग करें। इस तथ्य का व्यापक प्रचार किया जाना चाहिए कि एमसीडी 311 एप पर शिकायत दर्ज करना संभव है। नियम के उल्लंघन पर कोई भी नागरिक एप पर तस्वीरें अपलोड करके शिकायत दर्ज कर सकता है। एमसीडी ने पीठ को बताया कि नगर निगम की सीमा के भीतर पहचाने गए
3,059 थोक अपशिष्ट उत्पादकों में से 1,449 एमसीडी 311 एप पर पंजीकृत हैं। नगर निगम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मेनका गुरुस्वामी ने कहा कि 12 टास्क फोर्स गठित की गईं और 9.9 लाख रुपये के 2,011 चालान जारी किए गए।उन्होंने कहा कि 2016 के नियमों को लागू करने के दायित्व के बारे में थोक अपशिष्ट उत्पादकों को शिक्षित करने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ 431 बैठकें आयोजित की गईं।
एमसीडी ने सभी 12 क्षेत्रों में नगरपालिका के ठोस कचरे के संग्रह और परिवहन का काम आउटसोर्स एजेंसी को सौंप दिया है। काम की निगरानी के लिए, वाहनों की ट्रै¨कग में आसानी और बायो-माइ¨नग (ईएसबीएम) पोर्टल विकसित किया गया है। एमसीडी ऐप पर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से संबंधित शिकायतों में 49 प्रतिशत की कमी आई है।