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कृषि, पोषण और चिकित्सा प्रथाओं में स्वदेशी ज्ञान के महत्व को समझने और उसे बढ़ावा देने के लिए बैठक आयोजित

स्वदेशी यात्रा, जो इस पहल का हिस्सा है, स्वदेशी ज्ञान को पुनर्जीवित करने और सुरक्षित रखने के लिए एक अग्रणी प्रयास के रूप में शुरू की गई थी। यह पहल सांस्कृतिक निरंतरता, पारंपरिक ज्ञान हस्तांतरण और स्व-शासन के माध्यम से स्वदेशी समुदायों की पहचान और उनकी परंपराओं को बनाए रखने के उद्देश्य से काम करती है।
आत्मशक्ति ट्रस्ट और राष्ट्रीय संघ कुपोषण (एनसीसीएम) के सहयोग से आयोजित इस परामर्श में एक पायलट अध्ययन पर चर्चा की गई, जिसमें स्वदेशी पोषण विरासत के संरक्षण के लिए पारंपरिक खाद्य पदार्थों और पौधों के संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण निष्कर्ष सामने आए। इस परामर्श ने स्वदेशी ज्ञान के संरक्षण और प्रसार के लिए एक रोडमैप तैयार करने की दिशा में कदम बढ़ाया है।
इस बैठक में वर्ल्ड कैफे प्रारूप के तहत गहन चर्चाएं, विशेषज्ञ प्रस्तुतियां और सहयोगी विचार मंथन सत्रों का आयोजन किया गया, जिसमें स्वदेशी प्रथाओं, सांस्कृतिक संरक्षण, नीति एकीकरण और स्थिरता जैसे अहम मुद्दों पर गहन विचार विमर्श किया गया।
यह आयोजन स्वदेशी ज्ञान के संरक्षण और विकास रणनीतियों में इसके एकीकरण को सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ है। अब यह तय किया गया है कि इस दिशा में और काम किया जाएगा, ताकि स्वदेशी समुदायों का ज्ञान और परंपराएं आने वाली पीढ़ियों तक पहुंच सकें।