उत्तर प्रदेश के आगरा में निवेशक सशक्तिकरण के लिए मेगा आरआईएसए सेमिनार का आयोजन

सेमिनार का उद्देश्य: जागरूकता और आत्मनिर्भरता
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को निवेश की सही जानकारी देना, उन्हें डिजिटल वित्तीय धोखाधड़ी से सतर्क करना, और समझदारी से निवेश करने के तौर-तरीकों से अवगत कराना था। इसमें निवेशकों के अधिकार, जिम्मेदारियाँ, साइबर सुरक्षा, म्यूचुअल फंड और शेयर बाजार की मूल बातें भी सरल भाषा में समझाई गईं।
संयुक्त सहयोग: एक मंच पर कई संस्थाएँ
सेमिनार में NSE और NSDL के साथ अन्य मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर संस्थाएं (MIIs) जैसे कि BSE, MSE, CDSL, MCX, NCDEX और AMFI भी सहभागी रहीं। इस कार्यक्रम में सरकारी अधिकारी, पुलिसकर्मी, रक्षा बलों के प्रतिनिधि, एमएसएमई व्यापारी, छात्र और प्रोफेशनल्स बड़ी संख्या में शामिल हुए।
उत्तर प्रदेश: निवेशकों की बढ़ती भागीदारी
उत्तर प्रदेश ने हाल ही में निवेशकों की भागीदारी के मामले में राष्ट्रीय स्तर पर दूसरी रैंक हासिल की है। अप्रैल 2025 तक राज्य में 1.3 करोड़ से अधिक रजिस्टर्ड निवेशक हो चुके हैं, जो देश के कुल निवेशकों का 11.4% हैं।
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केवल अप्रैल 2025 में, यूपी में 1.4 लाख नए निवेशक जुड़े।
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इसी महीने, राज्य ने व्यक्तिगत निवेश कारोबार में 7.3% की बढ़त के साथ लगभग 1 लाख करोड़ रुपये का आँकड़ा पार किया।
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म्यूचुअल फंड इक्विटी AUM में भी यूपी की हिस्सेदारी 6.5% रही।
निवेशक सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम
आज के डिजिटल युग में बढ़ते साइबर अपराधों और फर्जी स्कीम्स के बीच यह सेमिनार एक महत्वपूर्ण प्रयास रहा। कार्यक्रम में विशेषज्ञों, नियामकों, अर्थशास्त्रियों और साइबर विशेषज्ञों ने अपने विचार रखे और निवेशकों के लिए व्यावहारिक सुझाव साझा किए।
मुख्य आकर्षणों में शामिल थे:
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प्रेज़ेंटेशन और पैनल डिस्कशन
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वित्तीय शिक्षा आधारित क्विज़
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इंटरएक्टिव डिजिटल स्टॉल्स
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निवेशक सुरक्षा और शिकायत निवारण की जानकारी
एनएसई का विज़न: भरोसेमंद निवेश की ओर
एनएसई के श्री कृष्णन अय्यर ने अपने संबोधन में कहा:"भारत की अर्थव्यवस्था विश्वास, पारदर्शिता और तकनीक पर टिकी है। वित्तीय समावेशन सिर्फ पहुँच तक सीमित नहीं, बल्कि जागरूकता और सही निर्णय लेने की क्षमता भी उतनी ही जरूरी है। 'मेगा आरआईएसए' जैसी पहलें आम लोगों को जागरूक बनाकर एक मजबूत वित्तीय ढांचा तैयार कर रही हैं।"
एनएसई की राष्ट्रव्यापी पहल
वित्त वर्ष 2024-25 में, NSE ने 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में 14,679 निवेशक जागरूकता कार्यक्रम (IAPs) का आयोजन किया, जिनसे 8 लाख से अधिक नागरिक जुड़े। आगरा में आयोजित यह सेमिनार दर्शाता है कि कैसे नियामक संस्थाएं और वित्तीय संगठन मिलकर एक ऐसा समाज तैयार करने में जुटे हैं, जो वित्तीय रूप से शिक्षित, डिजिटल रूप से सतर्क और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो।