मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने समर्थ ई.आर.पी. की उपयोगिता और प्रगति पर की चर्चा
कार्यशाला के दूसरे दिन मंगलवार को उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने समर्थ ई.आर.पी. के महत्व और इसके क्रियान्वयन की प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उच्च शिक्षा को तकनीक से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है। SAMARTH e&Gov (ERP) एक ई-गवर्नेंस प्लेटफॉर्म है जिसे शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार और दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली द्वारा विकसित किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य उच्च शिक्षण संस्थानों की प्रक्रियाओं को स्वचालित (ऑटोमेटेड) करना है, जिससे सूचना तक निर्वाध पहुँच और प्रक्रियाओं में उत्पादकता में वृद्धि हो सके।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के 26 राज्य विश्वविद्यालयों में समर्थ ई.आर.पी. का क्रियान्वयन किया जा रहा है। इनमें से 22 विश्वविद्यालयों में लीव मॉड्यूल को लागू कर दिया गया है, 24 विश्वविद्यालयों में पे रोल मॉड्यूल के कन्फीग्रेशन का कार्य पूर्ण हो चुका है, और 14 विश्वविद्यालयों द्वारा जुलाई 2024 का वेतन समर्थ ई.आर.पी. के माध्यम से जनरेट किया गया है। इसके अलावा, 19 विश्वविद्यालयों ने अपने समर्थ पोर्टल पर 7000 से अधिक सम्बद्ध महाविद्यालयों का विवरण अपलोड किया है, और 8 विश्वविद्यालय प्रवेश प्रक्रिया के लिए समर्थ ई.आर.पी. के माध्यम से लाइव हो चुके हैं।
उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने कहा कि उच्च शिक्षा विभाग को और बेहतर करते हुए बच्चों के भविष्य को प्राथमिकता दी जा रही है। विश्विद्यालय के अधिकारीगण इस कार्यशाला के माध्यम से अपने विश्विद्यालय को समर्थ ई.आर.पी. से जोड़ने का कार्य करे।
समर्थ टीम ने प्रदेश के राजकीय महाविद्यालयों हेतु राज्य की आवश्यकतानुसार कैरियर एडवांसमेन्ट प्रणाली (CAS) विकसित करके उच्च शिक्षा निदेशालय, प्रयागराज को उपलब्ध कराई है। इस प्रशिक्षण/कार्यशाला का उद्देश्य राज्य विश्वविद्यालयों के प्रशासनिक एवं वित्त/लेखा संवर्ग के अधिकारियों और कर्मचारियों को व्यापक प्रशिक्षण और हँड्स-ऑन अनुभव प्रदान करना है, ताकि वे समर्थ ई.आर.पी. के फाइनेंस एवं एकाउन्ट्स मॉड्यूल का प्रभावी ढंग से उपयोग कर सकें।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव एम.पी. अग्रवाल, विशेष सचिव गिरिजेश त्यागी, शिपू गिरी सहित विश्विद्यालय के अधिकारीगण उपस्थित थे।