लखनऊ से निकलकर देशभर में कला की पहचान बना रहे हैं मोहन मावा

भारतीय दृश्य कला जगत में मोहन मावा (वास्तविक नाम: मोहन वर्मा) एक ऐसा नाम है, जो समर्पण, नवाचार और रचनात्मक उत्कृष्टता का पर्याय बन चुका है। लखनऊ स्थित यह प्रतिष्ठित कलाकार दो दशकों से अधिक समय से कला के क्षेत्र में सक्रिय हैं और अपनी मौलिकता व बहुआयामी प्रतिभा के लिए देशभर में ख्याति प्राप्त कर चुके हैं।
व्यावसायिक सफर और प्रदर्शनियां
वर्ष 2005 से अब तक, मोहन मावा ने भारत के विभिन्न शहरों में 50 से अधिक कला प्रदर्शनियों में हिस्सा लिया है। उनकी ऑयल पेंटिंग, डिजिटल आर्ट, और हस्तनिर्मित कलाकृतियाँ कला प्रेमियों और समीक्षकों के बीच समान रूप से सराही गई हैं।
उनकी कलाकृतियाँ अनेक राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पुरस्कारों से सम्मानित हो चुकी हैं, जो उनके गहन दृष्टिकोण और रचनात्मक प्रतिबद्धता का प्रमाण हैं।
विशेषज्ञता के प्रमुख क्षेत्र
मोहन मावा की बहुआयामी कला विशेषज्ञता उन्हें अन्य कलाकारों से अलग बनाती है। उनके कौशल के प्रमुख क्षेत्र निम्नलिखित हैं:
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डिजिटल आर्ट और फोटोशॉप डिज़ाइनिंग
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डिजिटल फिल्म मेकिंग एवं स्टोरीबोर्डिंग
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फोटोग्राफी और एडिटिंग
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हस्तनिर्मित चित्रकला (Traditional Art)
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क्ले मॉडलिंग एवं थ्री-डायमेंशनल आर्ट
शैक्षणिक भूमिका
वर्तमान में मोहन मावा टेक्नो ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में कला संकाय में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं। इसके साथ ही वे पूर्णकालिक शिक्षक, मेंटर और मार्गदर्शक की भूमिका निभा रहे हैं, जो युवा कलाकारों को न केवल तकनीकी प्रशिक्षण देते हैं, बल्कि कला में दृष्टिकोण और संवेदनशीलता विकसित करने के लिए प्रेरित भी करते हैं।