महाकुंभ में मोनालिसा दर्शन

विवेक रंजन श्रीवास्तव -विनायक फीचर्स) धन्य हैं वे श्रद्धालु जो कुंभ में गंगा दर्शन की जगह मोनालिसा की चितवन लीला की रील सत्संग में व्यस्त हैं । स्त्री की आंखों की गहरी झील में डूबना मानवीय फितरत है। मेनका मिल जाएं तो ऋषि मुनियों के तप भी भंग हो जाते हैं। हिंदी लोकोक्तियाँ और कहावतें बरसों के अध्ययन और जीवन दर्शन,मनोविज्ञान पर आधारित हैं। “ आए थे हरि भजन को ओटन लगे कपास' एक प्रचलित लोकोक्ति है। इसका अर्थ है कि किसी विशेष उद्देश्य से हटकर किसी अन्य कार्य में व्यस्त हो जाना। बड़े लक्ष्य तय करने के बाद छोटे-मोटे इतर कामों में भटक जाना ”।
कुम्भ में इंदौर की जो मोनालिसा रुद्राक्ष और 108 मोतियों वाली जप मालाएं बेचती हैं उनकी मुस्कान से अधिक उनकी भूरी आंखों की चर्चा है। वे शालीन इंडियन ब्लैक ब्यूटी आइकन बन गई हैं । यह सब सोशल मीडिया का कमाल है। एक विदेशी युवती सौ रुपए लेकर कुंभ यात्रियों के साथ सेल्फी खिंचवा रही है। दिल्ली में बड़ा पाव बेचने वाली सोशल मीडिया से ऐसी वायरल हुई कि रियलिटी शो में पहुंच गई। मुंबई के फुटपाथ पर लता मंगेशकर की आवाज में गाने वाली सोशल मीडिया की कृपा से रातों रात स्टार बन गई। जाने कितने उदाहरण हैं सोशल मीडियाई ताकत के कुछ भले,कुछ बुरे । आजकल बेरोजगारी का हल सोशल इन्फ्लूएंसर बन कर यू ट्यूब और रील से कमाई है।