व्यक्ति निर्माण से ही होगा राष्ट्र निर्माण: विनोद

इस कार्यक्रम के मुख्यवक्ता श्रीमान विनोद जी भाग प्रचार प्रमुख जी का सारगर्भित पाथेय प्राप्त हुआ , श्रीमान विनोद जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि श्री विजयदशमी युगाब्द ५१२६ के पुण्य पर्व पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपने कार्य के १००वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है , हमारा धर्म तथा संस्कृति कितनी भी श्रेष्ठ क्यों ना हो जब तक उनकी रक्षा के लिए हमारे पास आवश्यक शक्ति नहीं है
तब तक वे जग में आदर के योग्य नहीं होंगे, भाई साहब जी ने स्वयंसेवकों की तुलना महादेव से की उनका कहना था कि जो अमृत पीता है वह देव होता है और जो विष पीता है वह महादेव होता है समाज और राष्ट्र की रक्षा के लिए स्वयंसेवकों को विष पान करना ही पड़ता है
व्यक्तिगत चरित्र, देश एवं समाज विरोधी कुप्रयास, संस्कार क्षरण के दुष्परिणाम, शक्ति का महत्व, समरसता व सद्भावना, पर्यावरण, कुटुंब प्रबोधन व संस्कार जागरण, स्वदेशी व स्वगौरव एवं नागरिक अनुशासन पर विस्तार से मार्गदर्शन किया और अपने बीच में छुपे जयचंदों से सावधान रहने की हिदायत दी ! कार्यक्रम में माननीय नगर संचालक, सह नगर कार्यवाह पारिजात जी, प्रांत मंत्री सेवा भारती उमेश जी, विभाग व्यवस्था प्रमुख राजीव जी, मनोज जी , शोभित जी,डॉक्टर अजय जी, नगर प्रचार प्रमुख चंदन जी एवं नगर के सैकड़ो स्वयंसेवक और समाज से भारी संख्या में देव तुल्य सज्जन शक्तियों की उपस्थित रही !